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अगर कोई मेरी आलोचना करें तो मैं उससे हैंडल करता ही नहीं हूं दोस्त आलोचना करना एक बहुत प्रभाव का कारण है कि लोग अपने स्वभाव के कारण लोगों की आलोचना करते हैं लेकिन मैं और आलोचना करने वालों को पसंद करता हूं क्योंकि जब तक कोई मेरी बुराई नहीं करेगा आलोचना नहीं करेगा तब तक मुझे अपने दोस्त पता नहीं चलेंगे और दोस्त पता ही नहीं चलेंगे तो मैं उनको ठीक कैसे करूंगा दोस्त और ठीक नहीं कर पाऊंगा तो मैं विशेष कैसे बनूंगा
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निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय बिन पानी साबुन बिना निर्मल करे सुभाय आसान नहीं होगा यह कहना कि आलोचना से कोई प्रभावित नहीं होता लेकिन यह भी सच है की आलोचना हमें बेहतर करने में बहुत मदद करती आप किसी भी आलोचना को उतनी गहराई से लेने के बजाय अगर उसके सकारात्मक पक्ष को लेकर उसे छोड़ दे नहीं तो शायद आलोचना आपको कहीं बेहतर करने में मदद करें आलोचना से प्रभावित होना है किस तरह आप नहीं कर सकते आप के आलोचक किस तरह हैं वह महत्वपूर्ण तो है लेकिन आप आलोचना को किस तरह लेते हैं यह उससे भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है कभी-कभी आलोचना सत्य नहीं होती लोगों का स्वभाव होता है वह तो आलोचक सही हो इसकी परख रखना बहुत महत्वपूर्ण होगा
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हेलो फ्रेंड्स मैं अजय कुमार मोटिवेशनल स्पीकर लाइफ कोच आपका प्रश्न है यदि आपकी कोई आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते हैं आपका प्रश्न बहुत अच्छा है और बहुत सारे लोगों के साथ ही प्रॉब्लम क्रिएट होती हैं बट हमें से बहुत सारे लोग इस सिचुएशन को सही ढंग से हैंडल करना नहीं जानते हैं मैं आपको आज बताने वाला हूं कि अभी आप ही कोई आलोचना करता है यदि आपको कोई क्रिटिसाइज करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करें यदि आपकी कोई आलोचना करता है आपकी कोई क्रिटिसाइज करता है तो आप उसे शांति से सुने और मुस्कुरा दें और उसे इग्नोर कर दें क्योंकि आज तक किसी भी समस्या का समाधान बहस से नहीं हुआ है यदि सामने वाला आपके आलोचना कर रहा है आप उसके साथ अरगुमेंट करोगे अरगुमेंट्स एक कभी भी किसी भी बात का हल नहीं निकला है कभी कुछ मामला सुलझा नहीं है बल्कि बिगड़ जाता है अगर सामने वाला आप उपदेश साहित्य कर रहा है आपके आलोचना करें तो उसे करने से उसके हाल पर छोड़ दें उसकी समझ ही तो नहीं हो सकती है कि वह आपकी आलोचना करें यदि वह बेहतर ढंग से अपने आपको समझ पाता या आपको समझ पाता तो ऐसा कभी करता ही ना यदि वह ऐसा कर रहा है तो उसे करने दे क्योंकि उसके आलोचना करने से अपने पर क्या फर्क पड़ने वाला है अगर वह गंदे कपड़े फेंक रहा है आप पर अगर आप नहीं लेते हैं तुझसे बात उसके पास रह जाएंगे वाद की आलोचना कर रहा है अब नहीं स्वीकारते हैं तो खुद के पास रह जाएगी सिंपल है तो इसलिए यदि आपको कुछ डिसाइड करता है आपको कोई बुरा बोलता है तो उसे नजरअंदाज कर दें और अपने रास्ते पर मुस्कराते हुए आगे बढ़ने की दवा पहुंचकर आएंगे तू सालोचना करने वाले का आधा साहस तो आप अपनी मुस्कुराने से ही चुरा ले जाएंगे और यदि आपने इतना शक कर लिया ना तो अब बंद आएंगे कुछ ऐसे लोग बनना चाहेंगे आपके जैसे बस अभी के लिए इतना ही मिलता हूं इतने टॉपिक के आंसर के साथ तब तक के लिए अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें खुश रहे खुशियां बांटते रहते एनक्यू बबाए
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मित्रों नमस्कार यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते हैं आपका प्रश्न बहुत ही रोचक है इस प्रश्न में जो आपने यह सवाल किया है आलोचना यह दे आदमी शहजाद को बुरा ना माने श्रीमान खिचड़ी और पर गंभीरता से विचार करें कि अगला आदमी हमें कुछ कह रहा है और हमारे बारे में उल्टी-सीधी बातें कर रहा है तो उसके बारे में हम सोचे विचार करें फोन करूं फोन करती हो को अपने जन्म उजागर करके उनका समाधान हुआ है यदि कोई आपके पीठ पीछे ऐसी बातें करता है तो उसको नजरअंदाज करिए लेकिन अगर सामने कोई आपसे कहते हैं तो उसका जवाब दीजिए लेकिन सोच समझकर आपकी गलती लग रही है उसने गलती को स्वीकार करते हुए कि हां भाई साहब यह गलती हमसे हुई है आगे से इसका सुधार करेंगे और क्षमा चाहते हैं इस तरीके से अगर हम अपने कुछ और विचार करके कोई कदम उठाते हैं तो निश्चित रूप से जो हमारा रोचक है वह जो है हमारा समालोचक बन जाएगा और जो है उसके दिल में हमारे लिए सम्मान और बढ़ जाएगा धन्यवाद
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एक बहुत ही अच्छा प्रश्न है यदि कोई आपकी आलोचना करता है तब से कैसे सिंपल एक सामान्य सी बात है जब हम कोई अच्छा काम करने जाते हो या कोई भी काम पर जाते हैं कुछ लोगों की कुछ मनुष्यों की आदत होती है उस चीज की आलोचना करना कुछ इसके बारे में नेगेटिव नकारात्मक विचार रखना उसके बाद चीज का मजाक उड़ाना ध्यान नहीं जब आपको यह फील हो रहा है आलोचना करना उस समय आप शांत मैं भी यही करता करता है उस चीज को समझता हूं कि वह इंसान आलोचना क्यों कर रहा है क्या जो मैंने कहा है वह सच में आलोचना की ओके है अगर है तो मैं उसमें सुधार करना नहीं तो मैं कोशिश करता हूं आलोचक उसका मैं एक प्रश्न का जवाब दे सकता शांत नहीं होता है मुस्कुराकर उसको या फिर कहता हूं कि ठीक है आलोचक ठीक है मैं गलत हूं लेकिन समय आने पर उस चीज का एक बार जरूर अनुभव कराता हूं कि उस दिन चीज की आवश्यकता है जिससे जीवन पुणे अनुष्का कोई चीज को मुस्कुरा कर कोई शर्म की बात नहीं समझ लो कि वह लेकिन आपकी जो भी हो बात को सब तभी शांत हो गए चलो सच भी जानता है लेकिन पर आलोचना करके वह अपने अंदर की बूटी वीजा को आपके सामने लाकर के हल्का कुपोषित हमारे समाज में जो अपनी उस चीज को किसी और पर नहीं समझा सकते हो को वही एक इंसान मिलता है जिसको कुछ कहकर कि वह अपने मन को हल्का कर नहीं जानते हो स्टेटस या ज्ञानी उस चीज को उसके अंधकार को आप ही दूर कर सकते हैं ऐसी स्थिति में उसे जैसे एक बच्चा आपको किसी भी बात पर अड़ जाता है आपसे उसको उसके बाद चाहे और सैंटा क्लॉस बनाने मन में सोचते बचपन में यह संभव नहीं था या फिर ध्यान रखना जब कभी मीठा और नमक ना मीठे के साथ नमक होना उतना ही जल्दी ओम नमः शिवाय
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जब भी कोई व्यक्ति मेरी आलोचना करता है तो मानव स्वभाव है मेरा भी कभी मानव हो तो मुझे बहुत बुरा लगता है हर मानव को हर व्यक्ति को लगता है कि हमेशा उसकी प्रशंसा होती रहे हो नीचे और प्रशंसा का भूखा हर व्यक्ति होता है चाहे दिखाएं या ना दिखाएं विपत आलोचना की तुझे कोई आलोचना करता है तो निश्चित तौर पर मुझे बुरा लगता है और त्वरित कोई जवाब दिया कार्यवाही नहीं करता हूं मैं सुनता हूं पूरा कोशिश करता हूं सुनने की कि वह क्या बोल रहा है और क्यों बोल रहा है फिर मुझे क्या फीलिंग होती है मैं अपने आप को स्टेबल नहीं कर पा तुम सुस्त रहता हूं कि उसने सब क्यों बोला और मैं उसका हर तरह से मैसेज करता हूं और लगता है किसी भी तरह से कि हां इस व्यक्ति ने जो आलोचना की है उससे ही है तो प्रयत्न करता हूं कि उसको सुधारा जाए और कोशिश रहती है कि मैं जो सुधार अपने आप में ला रहा हूं उन लोगों को नजर तो आए पर इस तरह से नजर ना आएगा आलोचना के कारण में रखना को सुधारा मैं किसी तरह से हिडन एजेंडा लेते हुए हिडन तरीके से अपने आप को साथ में की कोशिश करता हूं ताकि मेरी इमेज और जो है मार्केट में बनी रहे और फिर आलोचना की है उसको लुगाइयों के जवाब दे पाएगी दिखी हुआ आदमी तो सही नहीं आपने से आलोचना करती तो इस तरह का एक कार्य में करता हूं
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बहुत अच्छे मित्र एक बढ़िया जी स्थिति होती है जब आप कोई प्रयास करते हैं और आपके प्रयासों के साथ ही आपकी आलोचना प्रारंभ हो जाते हैं हालांकि इस पर कितनी ज्ञान पूर्ण बात कर ली जाए लेकिन आलोचना से व्यक्ति थोड़ा सा टाइप हो सकता है थोड़ा सा क्रोध का भाव जो है वह जाग्रत हो जाता है आवेश आ जाता है वह मानवीय स्वभाव है लेकिन जब धीरे धीरे आप इस बात पर विचार करना प्रारंभ कर देते हैं कि जब आपकी आलोचना शुरू होने लग जाए तो समझ लीजिए कि कहीं ना कहीं आपने कुछ नया करना शुरू कर दिया है जब उसने की मात्रा और बढ़ जाएगी तो आपके मांग की थी आपने जो नया शुरू किया है वह सफलता की ओर है तो फिर धीरे-धीरे अपनी मांग की थी लेकिन निश्चित रूप से आपको इसकी आदत पड़ जाएगी और आप उसे अपने सक्सेस में यूज करने लग जाएंगे क्योंकि निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय उसी प्रकार की स्थिति में अपने आपको आपको अपने मन के विज्ञान को लाना पड़ेगा लेकिन ज्यादा गौर करने लायक है कि आलोचना किस प्रकार के विषय पर हो रही है आप उस बात पर भी गौर करें कहीं ऐसा तो नहीं है कि वास्तविकता में अपनी कमियों को लेकर ही वह आलोचना है अगर ऐसा है तो हमें अपने अंदर में इंप्रूवमेंट करनी चाहिए बाकी एक बात आप इससे हमेशा ध्यान रखें इस दुनिया में ऐसा कोई अस्त्र शस्त्र विद्या नहीं है जिससे आप प्रत्येक व्यक्ति को संतुष्ट कर पाए आप कुछ भी करेंगे कुछ लोग खुश होंगे लेकिन कुछ लोग ऐसे रहेंगे जो हमेशा खुश रहेंगे भले उनके प्रभाव उनके परिणाम उनके लिए अनुकूल हो फिर भी ना खुश होना उनकी प्रवृत्ति प्रकृति में रहेगा
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आप उस अपने आलोचना को सरलता पूर्वक सुन लीजिए आप अपने आलोचना को सरलता पूर्वक सुन लेंगे और सुनने के बाद आप एकांत में उसको मंथन करिए विचार-विमर्श करिए जब उस आलोचना को आप सुन लेंगे सरलता पूर्वक आलोचना करने वाला भी आलोचना करना बंद कर देगा क्योंकि आप उस अपने आलोचना पर खफा ना होने के बावजूद आप ना होते हुए आप उस पर प्रसन्नता व्यक्त कर रहे हैं उस आलोचना पर अपनी दृष्टि डाल रहे हैं कि क्या मेरी जो आलोचना हो रही है सही है या गलत है इस पर भी वह मंथन पड़ेगा कि वह हम आपकी आलोचना किए मगर उस आलोचना पर कोई प्रतिक्रिया बेफिजूल प्रतिक्रिया कोई नहीं मिला इस पर वह अभी जो है मंथन करेगा और आप भी अपने आलोचना को सरलता पूर्वक सुन लीजिए इसमें आपका फायदा है वह जो है आप उसको आलोचना करने वाले को हैंडल कर लेंगे
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देखे आपका पर्सनल यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करें यह मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं अगर आप सही हैं और कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसको माइंड मत कीजिए जब आप उसको माइंड करना छोड़ देंगे तो वह आपके आलोचना कर एक बार करेगा 2 बार करेगा और अंत में उसका ऐसे लगेगा कि यार इसको कोई फर्क नहीं पड़ रहा आलोचना का तो वह अपने आप आलोचना करना छोड़ देगा मैं आपसे यही कहूंगा कि अगर आपको आलोचना से बचना है अगर आप उसकी आलोचना की प्रतिक्रिया देते रहेंगे तो वह हमेशा के लिए आलोचना करता रहेगा परंतु अगर आप बिल्कुल भी नॉर्मल रहे और उसकी आलोचना की बिल्कुल कोई प्रतिक्रिया ना दें और आप देखोगे कि बहुत जल्दी टाइम में वह आप कोई आलोचना करना बिल्कुल ही बंद कर देगा और कभी भी आपके आलोचना नहीं करेगा
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यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते हैं आज की आलोचना जो करता है पहली बात तो हमको यह मालूम होना चाहिए कि कौन लोग हैं जो हमारे आलोचना करते हैं यदि वह हमारे परिचित हैं और हम को अच्छे से जानते हैं और उसके बाद वह अपना क्रिटिकल व्यू रखते हैं हमारे किसी प्रदर्शन के ऊपर जो भी कुछ हम कर रहे हैं या हमारे किसी व्यवहार के ऊपर और हमारे अपने लोग हैं हमें समझते हैं हमें हमारे साथ उसने ही रखते हैं तो उनकी आलोचना हमारे हित के लिए होती है इसलिए उनकी आलोचना को हम सकारात्मक लेना रूप ले सकते हैं दूसरी चीज की अगर आलोचना ऐसे लोगों द्वारा की जा रही है जो आपसे जिनका सीधा सरोकार नहीं है और आप उनको जानते नहीं हैं लेकिन वह आपकी आलोचना कर रहे हैं या आप अप्रत्यक्ष इनडायरेक्ट रूप से वो आपको जानते हैं तो आपको इस समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जो आलोचना कर रहे हैं उनका क्या और जाते हैं उनका क्या मंतव्य ऐसा करने के पीछे उसमें से भी आपको यदि लगता है कि मैं मेरे जो व्यवहार है या मेरी सोच है यार जो मैं कर रहा हूं उसमें यह सुधार होना चाहिए यह वास्तविक ए जेनुइन है जो आलोचना नहीं की है तो उनको भी आपको एक्सेप्ट करना चाहिए और यदि कोई केवल देश के कारण या कोई इच्छा के कारण आलोचना कर रहा है तो यह उसकी आदत है उसके लिए आपको ध्यान नहीं देना चाहिए और अपने अपने काम को करते रहना चाहिए यह रिफाईनमेंट का एक-एक टूल है क्रिटिसिज्म अपने आप को रिफाइन करने का लेकिन उतना ही लीजिए जितना कि आप उसको नोएडा जस्ट कर पाए और आप वाकई में रिफाइन हो पाए नहीं तो वह क्या होगा कि जोड़कर डिसाइड कर रहा है वह तो करके चला गया आप अपने उसकी इस क्रेडिट हमको नेगेटिव नहीं लेने लगते हैं और खुद आप स्ट्रेस में आ जाते हैं डिप्रेसो जाते हैं तो इसलिए यह जरूरी है कि समझने जाने की कौन लोग हैं और दूसरी चीज यह है कि लोगों को आदत भी होती है दूसरों को क्रिटिसाइज करने की क्योंकि वह खुद ऐसा नहीं कर पाते हैं तो इसलिए भी हमें इतना ध्यान नहीं देना चाहिए अगर हमें लगता है कि हमने जो डिसीजन लिया है या जो हम काम कर रहे हैं वह का हमको उस बारे में हम कॉन्फिडेंट हैं और हम सही हैं हम सही दिशा में जा रहे हैं उससे किसी का नुकसान नहीं होगा और वह अच्छा रहेगा उसका परिणाम और उसको स्वार्थ से प्रेरित नहीं है हमारा ऐसा करना तो जरूर हमें उस काम को करना चाहिए बगैर दूसरों की आलोचना की परवाह किए हुए और आलोचना को आप इस तरीके से लीजिए नेगेटिव ना हो और दादा उसको डिप्ली सोचने की भी जरूरत नहीं है जितना रिफा सीमेंट के लिए आवश्यक है उतना अपने और बाकी को आप जाने दें
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आपका प्रश्न है यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसे कहते हैं दिल करते हैं लेकिन हमेशा नेगेटिव चीजों में भी पॉजिटिव नजर नजरिया रखें अगर आपकी कोई आलोचना करता है आपकी कमियां के नाता है या आपके अंदर कुछ ऐसी निकालता है जो शायद आपको भी नहीं बताते उसको भी सकारात्मक तरीके से अपने सत्य मार्ग पर आगे बढ़े समाज में देश में हमेशा टांग खींचने वाले लोग हर जगह आपको मिलेंगे लेकिन आपको अपनी उन लोगों पर ध्यान ना देते हुए लगातार सही राह पर आगे बढ़ना है नजरिया आपका पोस्टिंग होना चाहिए हरि ओम
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आलोचना करना मनुष्य का एक सुझाव है पर कई लोग सिर्फ अपने को ज्यादा श्रेष्ठ दिखाने के लिए दूसरों की आलोचना करते हैं तो बहुत सी आलोचनाओं को हम ज्यादा महत्व ना दें हां अगर हमें लगता है कि इस आलोचना में हमारे लिए कोई संकेत है हमारे किसी कमी को किसी ने संकेत दिया तो उसे थैंक यू बोल कर कह सकते हैं कि अच्छा हुआ आपने मुझे बता दिया और उसे अपने ढंग से अपने तरीके से उसको दूर करने के लिए उपाय करें लेकिन बहुत ज्यादा उससे प्रभावित होकर अपने को हीन भावना से ना भरे कोई भी मनुष्य कितने पूर्ण नहीं है सब के अंदर कुछ न कुछ गुणों का विकास हुआ है और बहुत सी विकास बाकी हैं इसीलिए हम जब कहते हैं अवगुण इसका मतलब यह होता है कि हमारे उन गुणों का विकास कम हुआ है ठीक है तो यह कोई बुराई नहीं सक्से किसी कोई व्यक्ति ऐसा नहीं जिसका पूरी तरह विकास हो चुका हो तो हम विकास की यात्रा में हैं जो भी संभव हो सके अपने भीतर मैत्री भाव अपने भीतर दूसरों के लिए करुणा प्रेम दया यह सब आप जब अपने भीतर विकसित करेंगे तो आपके अंदर की जो विकार हैं वह धीरे-धीरे कम होते चले जाएंगे धन्यवाद
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यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते हैं बहुत अच्छा सवाल आपने पूछा है देखिए दुनिया का काम है कहना और उसका सुनना बात या नहीं और डिपेंड करता है हमारे ऊपर दुनिया कुछ भी कह सकती है कुछ भी बोल सकती हर आदमी आपके आलोचना कर सकता लेकिन आप स्वयं को पहचानो स्वयं को समझाओ वही सबसे बड़ी हैंडलिंग पावर आपके पास रहेगी
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आलोचना को तो हमेशा ही सकारात्मक दृष्टिकोण से लेना चाहिए सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और उसकी आलोचना जो है आप को निखारने में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान अदा करती है देती है प्रदान करती है इसलिए आलोचक और आलोचना इनको कभी भी अपने आप से दूर नहीं होने देना चाहिए यह हमेशा जो है आप आप को और बेहतर बना दे जाएंगे आपकी सफलता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण स्रोत आप इनको कह सकते
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देखे जो आपकी आलोचना करता है सबसे पहले तो उसका शुक्रिया अदा करें क्योंकि वही आपका सच्चा मित्र है जो आप को प्रगति की ओर अग्रसर करने के लिए आपको हमेशा उठाता रहता है आपके अंदर आग हमेशा जलाए रखता है उसी व्यक्ति की वजह से आपके अंदर जुनून रहता है और उसको पॉजिटिव सारी चीजों की आलोचना कर रहा है नेक्स्ट टाइम आलोचना करने का मौका नहीं दूंगा तो उनसे बच्चे नहीं उनकी आलोचना सुने उसे तीन करें उसी इंजॉय करें और कुछ अच्छा करने की कोशिश करें
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देखिए नंदा को हो जो शुभचिंतक हो अंतर्मन निर्मल करता है जीवन के कठिन कलेवर से अग्नि तक बाधाएं हरता है है कटु का औषधि वही बनी पीकर जिससे सर दर्द ना हो उद्गार करो इतने कोमल कांटों की चुभन का दर्द ना हो यानी कि नींद आई है मनुष्य को निंदा से घबराना नहीं चाहिए निंदा उसको जीवन की नवीनता प्रदान करती है जो हमारी आलोचना करता है अगर हमारे मुंह पर करता है तो हमारा बहुत बड़ा दोस्त है वह शत्रु जो है वह पीठ पीछे आलोचना करता है लेकिन दोस्त जो होता है मुंह पर आलोचना करता है ताकि हमारे अंदर सुधारा जाता को पहचाने अपने संघर्ष के मार्ग पर चलें हम किसी झूठ झूठी बातों पर पसंद ना हो जी चीजें इसलिए हमको जो आलोचना होती है हमें जीवन में नवीनता प्रदान करती है और मैं जीवन में आगे बढ़ने का मौका देते सुधार का मौका
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जो स्वस्थ आलोचना है वह बहुत अच्छी है अगर कोई आपकी आलोचना करता है रहीम दास जी कहते हैं निंदक नियरे राखिए नंदा की जो है उसको नजदीक रखना चाहिए क्योंकि वह आपको बिना साबुन बिना पानी के आपके स्वभाव को निर्मल कर देता है निंदा को पहचाना आपको आना चाहिए हमेशा स्तुति और स्तुति सुनने की आदत भी गलत है रावण के जैसे दरबारी लोगों के संपर्क में रहना भी जरूरी है आपकी स्वस्थ स्वस्थ स्वस्थ आलोचना होती है वह भी बहुत अच्छी बात है उससे और आप का विकास होता है
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मोटिवेशन गुरु प्रमोद कुशवाहा भोपाल में आपका स्वागत करता हूं आपका प्रश्न यदि आपकी आलोचना करता है तो आप को कैसे हैंडल करना चाहिए अगर आपकी कोई आलोचना करता है तो अच्छी बात है आपके जीवन में एक आलोचक होना चाहिए आलोचक आलोचक वस्वर है तो मोहल्ले की नाली की आधी गंदगी तो वह हिसाब कर देता है अगर आलोचक आपके पास है तो आपकी सफलता निश्चित है हैप्पी आपको जल्दी बताने वाला कोई नहीं आलोचक जो आपकी गलतियां बताता है वह गलतियां पता चलती है तो सुधार होता है तो जीवन में आलोचक का होना जरूरी है जितने आलोचक होंगे आप सफलता जल्दी प्राप्त करेंगे
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कोई आपकी आलोचना करें तो आप मुझ पर बिल्कुल शांत हो किसकी बात तो सुनिए और फिर अपने आप से बात कीजिए कि वह बता सच बोल रहा है या गलत अगर उस बात में सही लग रहा है क्या कुछ बातें इसमें सही बोले कुछ बात में आप कल तो उसे ठीक कीजिए और आपको लगता है आप पूरी तरह से ठीक है तो आपको कुछ पता नहीं लेकिन उसको जवाब देने की जरूरत नहीं है बस अपने काम पर ध्यान दीजिए तो जवाब अपने आप ही मिल जाएगा क्या आप सही हुए कर दो
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आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैंडल करते हैं उसको पता चलेगा कि यह इंसान कितना बदतमीज है
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यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो आप उसे कैसे हैं दत्त करते हैं यदि कोई मेरी आलोचना करता है सबसे पहले मैं यह देखता हूं कि उसकी मेरी जिंदगी में अहमियत क्या है दूसरा मैं यह देखता हूं कि मैं उसके कितनी इज्जत करता हूं क्या वह इस लायक है कि उसकी आलोचना से मुझे फर्क पड़े अगर इस लायक है तो उसकी की गई आलोचना के पीछे का कारण जरूर जानना में तथ्य क्या है क्यों आलोचना की है क्या जो भी उन्होंने आलोचना करी है वह सही है क्या मेरे पास उसमें कुछ सीखने के लिए है कुछ सुधारने के लिए अगर तुम की आलोचना जायल है मेरी बेहतरी के लिए है तुम्हें उस आलोचना के कारण को सुधार लूंगा दूसरा अगर मेरे को यह समझ आता है कि जिस ने आलोचना की उसकी मेरी जिंदगी में कोई अहमियत नहीं है या वह इस लायक नहीं है कि मेरे को उनकी आलोचना पर ध्यान देने की जरूरत हो तो फिर मैं उनकी आलोचना पर बिल्कुल ध्यान नहीं दूंगा तो यह कभी नहीं करना कि अगर किसी ने आलोचना करें तो यह फैसला कर लिया कि अब मैंने इनसे बात नहीं करनी है रिश्ता तोड़ना हो सकता है उन्होंने आपकी आलोचना की बेहतरी करी के लिए करी हो तो यह फाइंड आउट करिए और अगर कुछ सुधारने का मौका मिलता है तो उसे जरूर जरूर सुधारी है लेकिन अगर सामने वाला इंसान आपकी जिंदगी में कोई अहमियत नहीं रखता उनकी आलोचना बिल्कुल भी जाए तो उस पर ध्यान मत दीजिए कि मेरी सोच है सुनने के लिए थैंक यू
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आपका सवाल है कि यदि कोई आपकी आलोचना करता है तो कैसे हैंडल करते हैं तो सबसे सीधी सी बात है जो हमारी आलोचना कर रहे हैं उन्हें करने दीजिए क्योंकि कुछ लोग होते हैं दुनिया में जिन्होंने सोच रखा है कि वह आपके अंदर की सिर्फ और सिर्फ बुराइयां और कमियां ही देखेंगे मैं आपके अंदर की अच्छाई नहीं नजर आएगी हर व्यक्ति के अंदर अच्छाई और बुराई दोनों होती हैं तो कोई भी इंसान नहीं होता इतना ही परफेक्ट अगर इंसान हो तो वह साधु संत महात्मा ना बन जाए नहीं हो सकता कोई भी पॉसिबल नहीं है कि हर पल हर बंदा एकदम परफेक्ट हो जाए जिन लोगों की आदत है जो सिर्फ केंद्र की बुराइयां ही देखना चाहते हैं कमियों को ही ढूंढना चाहते हैं उनका आप कुछ नहीं कर सकते किसी की सोच को ना बदला जा सकता है और ना ही आप बदल सकते हैं आप कोशिश करके भी देख ले तो भी आप इसे किस सोच को नहीं बदल सकते जैसे लोगों की परवाह ही क्यों करना जिन्होंने सोच रखा है कि उन्हें सिर्फ आपके अंदर की कमियां ही देखनी है आपकी अच्छाइयों को आपके गुणों को वह देखना ही नहीं जाते हैं जब आपकी अच्छाई और गुणों को देखना ही नहीं चाहते हैं ऐसे लोगों के बारे में आप भी सोचना छोड़ दें थोड़ा सा मुश्किल है नामुमकिन नहीं है आपका दिन शुभ रहे धन्यवाद
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