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मासिक धर्म स्वच्छता भारत में इतना बड़ा मसला क्यों है क्योंकि पहले इसको है भावना से देखा जाता था भावना से देखा जाता था और मासिक धर्म को गंदा माना जाता था गंदा खून बने लोगों का पागलपन और बेवकूफी की अज्ञानता ही थी इसलिए जितना मसला खराब होता है जब वह तरक्की पर आता है पर स्तर पर आता है ज्ञान में आता है उसको उतना ही बड़ा मतलब बन जाता है अब तक बन के ऊपर और पेड़ के ऊपर पड़ता है गांव में वहां स्कूल खुल जाए तो बड़ा बड़ी तेजी से लोग रास्ते ना पढ़ाने के लिए बच्चों को महिला की है बाप लगते हैं कोई गरीब को पढ़ा रहा है कुछ कर रहा है ऐसी जो मलमल आज इतना दबा होता है जब उजागर होता है तो ज्यादा जोर से चलता है और यह अच्छी बात है
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अधिक मासिक धर्म की स्वच्छता से रिलेटेड जो मुद्दा है यह काफी पुराना है और बहुत टाइम से यह चीज चले आ रही है जो ऑर्थोडॉक्स आती है वह हमारी कंट्री में बहुत ज्यादा है आज तो मैं भी बहुत सारे बदलाव आए हैं लेकिन पहले अगर कोई लेडी को पेश आए हो तो किसी लड़की को पेलते हुए होते थे तो उन्हें अलग कमरे में रखा जाता था उनके लिए अलग गैस सिलेंडर मतलब रसोई अलग होती थी उनके लिए और इवेंट बुद्ध मंदिर में जाना उनके लिए बंद रहता था और यह सब तो छोड़िए कि वह जो नॉर्मल किचन में बर्तन यूज होते हैं वह उन्हें भी यूज़ नहीं कर सकते थे यानी क्यों नहीं इतना और स्वच्छ डिक्लेयर कर दे रहा था कि उनको बिल्कुल अलग अलग रखा जाता था यह सब आपके लिए इस सब के पीछे का रिजल्ट सिर्फ है अवेयरनेस हमारे यहां पर अवेयरनेस की बहुत ज्यादा कमी है लोगों के अंदर एक अलग तरह का एक फीलिंग उन्होंने बना कर रखी हुई है PM सिंह को लेकर मेंसुरेशन स्कोर लेकर वह और वह जो जो जिसे हम हमारी जनरेशन से पहले वाली जनरेशन थी जिसे हमारे पेरेंट्स हमारे पेरेंट्स की जो पेरेंट्स है वह चली उच्च नरेशन क्या है जहां पर 19 शब्दों से प्रॉब्लम होती थी क्या होती है लेकिन जब हमारी जनरेशन है हम समझते हैं कि कि हमने साइंटिफिक चीजें पड़ी है सारी के पीछे की रिजल्ट हम जानते हैं तो हमारे लिए बहुत बड़ी प्रॉब्लम नहीं है क्योंकि उन्होंने वह इतने जैकेट नहीं थे उस टाइम पर झुके एक्शन इतनी ज्यादा भूख में नहीं देती ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं थी और औरतों को तो स्पेशल ही मिलती ही नहीं दे चुके शन तो उन्हें नॉलेज ही नहीं है इस बारे में और वह इस चीज को गलत तरीके से लेकर जाते हैं कि अगर किसी को पता है तो वह स्वत है वह उसे दूर रहना बेटा तो यह सब शैतान अवेयरनेस और लेखक एजुकेशन के कारण है
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मासिक धर्म की स्वछता भारत में इतना बड़ा मसला क्यों है क्योंकि आज भी भारत में सिर्फ 18% महिलाएं हैं जो कि साईं कृपा धमाल करते हैं बाकी जो अंडे पब्लिक प्लेस है यहां पर आज भी जो है सूखे पत्ते गंदे कपड़े अकेला का इस्तेमाल होता है क्योंकि कई तरह के खतरनाक इन्फेक्शन कल आ सकता है जिसकी वजह से मौत भी हो सकती है और कई सारी बीमारियां हो सकती है और उस समय मासिक धर्म के समय जो है हाइजीन मेंटेन करना बहुत ज्यादा जरूरी है इसीलिए शाम की पैड का इस्तेमाल किया जाता है जो है उनको अवेरनेस नहीं है किसान कृपया इसको इस्तेमाल कैसे करते हैं या फिर और क्या वह इसलिए वॉइस करते हैं क्योंकि वह बहुत महंगा है तो कमेंट में काफी सारे झूठे हैं उसकी वजह से आपको हाल ही में जो न्यूज़ आई थी आपने देखा होगा कि भोपाल के रेलवे स्टेशन में जो है सैलरी पर 8 का बॉक्स है इंस्टॉल किया गया है जहां पर कीपैड करीबन ₹2 में बिक्री हो रही है ताकि उसका भी जो महिलाएं यात्री हैं या फिर जो महिलाएं काम करें वहां पर वह इस्तेमाल कर सके तो मेरे से ऐसे इनिशिएटिव और लेने जानी चाहिए जिससे कि महिलाओं को अवश्य मिलेगी कीपैड का महत्व क्या है और जो है इस समय में वैकेंसी नहीं सर हाइजीन का इंपोर्टेंस क्या है HD 5 दिन महीने साल पैडमैन मूवी आई है उसने बहुत अच्छा मैसेज दिया है जिससे वहां पर आ चुकी है कीपैड का रेट क्या है तो धीरे-धीरे यहां तक कि कमेंट मेरे से काफी सारे स्टेप मेरे इस चीज में सुधार लाने के लिए
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विकी मासिक धर्म की स्वच्छता यह भारत में इतना बड़ा मसला अली का मतलब बहुत पहले सालों से है बहुत प्राचीन काल से है लेकिन अभी जो यह पैडमैन मूवी आई है उसके वजह से यह मामला मतलब सारे लोगों के सामने पहुंच गया है और इसके बारे में बोल रहे हैं तुम्हारी सोच बहुत इंपॉर्टेंट मानना है कि लोगों को इसके बारे में पता नहीं कितनी जरूरी रहती है तू 1 बरस में जो सेटिंग्स है वहां पर लोग मतलब आप WhatsApp यूज करते हैं खाने के लिए यूज करता है यूज़ करनी चाहिए हमने और दूसरी बात यह कि लोगों को उसके हाइजीन करनी चाहिए यह भी नहीं सोचते तो इसके लिए हमने ऐसे काम भी नौकरी करनी चाहिए सब के लिए उसको बताना चाहिए और छुपा के रखते हो मैं गॉड से उद्धार किया कुछ अलग है यह सिर्फ महिलाओं में होता है तो कुछ तो बात है हम लोगों से शेयर नहीं कर सकती हैं इस मसले को बड़ा कर दिया है और मतलब प्राचीन काल से इस पुस्तक को छूना नहीं मगर ऐ हसीं रहता है इसलिए यह मतलब बड़ा होता गया है
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आजकल हम सभी देख रहे हैं कि जो फिल्में पैडमैन उसके बाद उसके रिलीज होने के बाद मासिक धर्म की स्वच्छता के ऊपर बहुत बड़ा मसला चढ़ा हुआ है और सभी लोग इसके ऊपर सक्रिय हो रहे हैं और मासिक धर्म की जो सच स्वच्छता है वह बहुत ही ज्यादा मायने रखती है स्पेशली लड़कियों के लिए और नई लड़कियों के लिए जो अभी-अभी शुरुआत हुआ है उनके मासिक धर्म की क्योंकि इससे बहुत तरह के इन्फेक्शन पहुंच जाते हैं और ऐसी बहुत सारी बीमारियां पैदा हो जाती है जो कि पूरी जिंदगी उनको परेशानी दे सकती हैं तो मासिक धर्म है आजकल हमारे देश में अगर हम देखें तो 18 परसेंट से कम लड़कियां पेट या फिर किसी और प्रोडक्ट का यूज़ करती हैं वहां सिख धर्म के समय वरना बाकी सब लोग कपड़ा या फिर कई लोग तो राख का भी प्रयोग करते हैं इस समय अपना बचाव करने के लिए जो कि आगे चलकर उनको इंफेक्शन या कोई और बीमारी देख सकता है जो कि उनको आगे चलकर बहुत ज्यादा दुखदाई होगी और कई कई बार तो इससे ऐसे-ऐसे इन्फेक्शन चाहते हैं कि लोगों की मौत तक हो जाती है और हमारे इंडिया में ही ऐसे बहुत सारे कैसे देखे गए हैं जहां पर मासिक धर्म के इन्फेक्शन की वजह से लोग महिलाओं की मौत हुई है और कई कई महिलाएं तो आज भी हो जाती हैं इन्हीं इन्फेक्शन की वजह से तो इसी वजह से एक बहुत बड़ा मसला बन जाए मासिक धर्म की स्वच्छता हमारे देश में हमारे सबसे इसके और ज्यादा बहने सब को सलामी होगी कि अभी भी कई लोग ऐसे हैं गांव के लोग स्पेशली जो कि अभी भी कोई भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं पेड़ जैसे अपने मासिक धर्म के समय और वह कहीं ना कहीं अपने आप को इंफेक्शन के लिए आगे बढ़ा रहे हैं और अपने आप को आप गलत राह पर ले कर जा रहे हैं तो मैं क्या बैलेंस चलानी होगी और बोलो इस्तेमाल इसलिए नहीं करते क्योंकि बहुत महंगे आते हैं तो इसके इसके लिए भी हमें आगे बढ़ना होगा और इन को सस्ता करने के लिए हम को आवाज उठानी होगी क्योंकि ऐसे लोग इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे तो बहुत ज्यादा आगे चलकर की प्रॉब्लम क्रिएट हो सकती है
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मासिक धर्म की स्वच्छता भारत में वाकई में एक बहुत बड़ा मसला है और इसके कई सारे कारण भी हैं जिनके बारे में हमें सोचना होगा और उनका निदान करना होगा और इनके बारे में जनता को महिलाओं को बताना होगा तभी उन्हें इसके बारे में समझ में आएगी और वह इसके बारे में मैं गंभीरता से सोचेंगे कि यह कितनी जरूरी चीजें आपके लिए जिस तरह से आप को खाना पीना पानी वायु यह सब चीजें चाहिए रहती है वैसे ही 1 महिलाओं को महीने की इन 5 दिनों में पूरी स्वच्छता चाहिए रहती है उससे उसका पूरा शरीर निर्भर करता है उसको अगर स्वच्छता नहीं मिलती है और वह ढंग से साफ सफाई से नहीं रहती है तो उसे कई बीमारियां लग सकती है कई कई बार तू इसकी वजह से महिलाओं की मौत भी हो जाती है लेकिन इसके लिए कई कारण हैं बड़े-बड़े जो इसके बीच में आते हैं क्योंकि हमारे एक तुम्हारा देश में जनसंख्या बहुत ज्यादा है और ज्यादा जनसंख्या हमारी गांवों में रहती है और पूछो पुरानी पीढ़ियां कि वह हमारी पढ़ी-लिखी नहीं थी तब शिक्षा का बहुत अभाव था तो शिक्षित महिलाएं थी वह इन सब चीजों को बहुत अलग तरह से मानती थी अलग तरह से सोचती थी उनको नहीं लगता था कि यह इतना जरूरी है उन्हें लगता था कि यह 5 दिन एक लड़की को एक महिला को बस अलग रहना चाहिए और अपने आप में सिमट के रहना चाहिए एक अछूत की तरह से रखा जाता था और इसके प्रति अवेरनेस नहीं है गांव में तो वह बहुत जरूरी है इसके प्रति जागरूकता लाना शिक्षा के माध्यम से इसे बताना और महिलाओं को खुद अपने बारे में इसके लिए सोचना होगा कि उन्हें ध्यान रखें अपना स्वयं का खुद के लिए स्वच्छ रहें इतना महंगा होता है पेट की महिला यूज़ नहीं कर पाती है कई महिलाएं निर्धनता की वजह से भी यह एक रुकावट है तो इन कारणों को हमें खत्म करना होगा
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भेजो आप का सवाल है मासिक धर्म की स्वछता भारत में इतना बड़ा मसला क्यों है वह क्यों है मैं आपको बोलता हूं कि भारत के जो जो छोटे छोटे छोटे छोटे गांव ऐप्स उनके जो बोलोगे वहां के जो लोग हैं उनको थोड़ा एजुकेशन भी नहीं होते और यह कौन के बाद उनकी फैमिली से जो उनकी फैमिली से ही हो या उनके पापा या मम्मी हो उनकी जमानत मुचलके आता है तो उनको वह सब वही फॉलो करते रहते हैं उनको एजुकेट करने के लिए कोई भी नहीं है अगर भारत में अगर चुनाव गढ़ मेट्रो सब छोड़ देंगे अगर आप और बंद हो छोटे छोटे सिटीज भी हो वहां पर भी यह सब चलता आ रहा है मासिक धर्म को को स्वच्छता नहीं मानते तो हम लोगों को क्या है पहले हम लोगों को सरकार को पहले एजुकेट करना पड़ेगा सरकार को किसी को नियुक्ति करना पड़ेगा हर गांव में हर छोटी छोटी छोटी इसमें और जो का जो काउंसलर छोटे छोटे बड़े बड़े सिटी में जो वीडियो डे स्ट्रीट से वहां पर किसी को नियुक्ति करना पड़ेगा और किसी को सोसाइटी के लिए जो एवरेज करना पड़ेगा मासिक धर्म के बारे में और अभी एडमिशन लिया अभी-अभी एक मूवी भी आपका सिनेमा घर में है पैडमैन वहां पर भी बहुत अच्छा हुआ वह दिखाया गया कि सेनेटरी पैड को कैसे प्रमोट करें और कैसे जो लोगों को एजुकेट करें तो वही हम लोगों को वॉइस टाइप हम लोगों को लेना पड़ेगा अगर लोगों को छोटे छोटे से गांव हैं छोटे-छोटे और रूरल सोसाइटी से जो टाइप टू टाइप सी सिटी से वहां के हम लोगों को हम लोगों को एजुकेट करना पड़ेगा तभी जाकर यह जो मसला है वह दूर होते जाएगा
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