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प्लास्टिक गलत है यार आपका आपने कोई जनाब नाम नहीं लिया जन्म तो आपको दिया गया है आपने नहीं लिया जाना इस चक्कर में बिल्कुल मत लेना आप को जन्म दिया गया है अब यह बात प्रश्न बनता है कि जन्म क्यों दिया गया कि जन्म लिया है वाली कोई बात नहीं
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दैनिक पावत बनी है जल्दी की के अंदर नागपुर शायर है ना शायर का भतीजा तू तो है अपने मां-बाप के मनोरंजन का नतीजा तो देखो दुनिया क्यों बसी है फिर क्यों नहीं जा सकता वैसे को दिया जा सकता है ए पार्ट ऑफ द मिस्ट्री रहस्य उसका फोन कवर नहीं कर सकते क्योंकि यह तो प्याज के छिलके की तरह जितना करोगे उतना ही ज्यादा रहस्य में उतारा जाएगा विज्ञान अपने हिसाब से कोशिश कर रहा है जैसे पहले उसने ध्यान से दूध निकाला फिर से उसने देखा कि बोलते भी है वॉलपेपर समुराई निकाली ही निकालना चाय पीने के काम आता है फिर दवाई खाने का मन होता है नारियल के तेल से सैकड़ो बनते हैं ऐसे ही दिक्कत है यह कंटीन्यूअस प्रोसेस ध्यान लगाओ मेडिटेशन करो सातों चक्र को जागृत करो तो तुम्हारे शरीर की बूंदों सागर में मिल जाएगी और फिर तुम अथाह सागर का पार्ट बन जाओ फिर तुम्हारे को समझ नहीं सकते द पार्ट ऑफ द टैक्सी स्टैंड अप एंड डांस डांस योरसेल्फ अपने आप को सांत्वना लोगे
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यहां आए और यहां आकर किसी का मजा नहीं लेकिन इसमें हनुमानगढ़ में रहते हैं और आप लेकिन वहां हम अटक नहीं चाहते वापस आते हैं घूमते हैं फिर से इंजॉय करें यहां पर कितना गुना हो और परमात्मा से हमारा मन हम सदैव शरीर संसार में रहेंगे वेल्मन परमात्मा में जुड़े रहे लेकिन होता होता है शरीर तो है ही हां लेकिन हम जब मन में परमात्मा को रखेंगे हमेशा हमारे लिए सिर्फ और सिर्फ एक छलावा है जैसे कि आपको अपनी सीरियल्स में या किसी में देखते हुए रामायण चला है कि हम लोग घूमने आए हैं इंजॉय करने आएंगे लेकिन इससे कोई लेना देना नहीं है हमारा की जरूरत नहीं है और युद्धपोत
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पृथ्वी पर जन्म लेने का एक ही लक्ष्य है क्या बिल्ली की प्राप्ति मोक्ष की प्राप्ति अगर हम इस कुकर में इस कर्मकांड में आकर के फंसे हुए हैं इसलिए हम मोक्ष की प्राप्ति से दूर हो जाते हैं और माया मोह में फंसकर के भूल जाते हैं कि हमें ईश्वर ने क्यों जन्म दिया हमारा जन्म जो है ईश्वर की प्राप्ति के लिए हुआ है मोक्ष की प्राप्ति के लिए हुआ है और किसी भी माध्यम से हम कर्म करते हुए चाहे कर्म योग के माध्यम से चाहे ज्ञान योग के माध्यम से चाय भक्ति हो के माध्यम से करते करते हैं परमात्मा को प्राप्त करें यही जीवन का सबसे सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य
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हरि ओम नमस्कार दोस्तों सभी वह कल ग्रुप के मेंबर कब्रे नमस्कार दोस्तों आपका प्रश्न है हमने इस पृथ्वी पर क्यों जन्म लिया दोस्तों जब मां के गर्भ में होते हैं 9 महीने तक तो हम 2 महीने तक इस कंडीशन में होते हैं कि हमारे तरफ चारों तरफ जो सागर रहता है वह कभी खून से भरा हुआ है कबीर सागर मन से भरा हुआ है कभी वह सागर गंदगी से भरा हुआ है हम उसके बीच में गिरे हुए रहते हैं हर उस गंदगी से बाहर निकल गया परमपिता परमात्मा से क्या प्रार्थना करते भगवान हमें सुनहरा किस से बाहर निकालो हमसे इसमें नहीं रहा जा रहा है इसमें के तारों में तारों मछली मछली सब हमें इसमें काटने को दौड़ रहे हैं हमें बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है भगवान मैं तेरी आराधना करूंगा मैं तेरी प्रार्थना करूंगा मेरी पृथ्वी में जाते ही धरती माता में जाते ही तेरी पूजा पाठ करूंगा सिर्फ प्रचार प्रचार करूंगा मैं धर्म कार्य में बढ़-चढ़कर के भाव लूंगा नित्य नियम तेरी पूजा पाठ कर लूंगा मैं भगवान मुझे स्वर्गद्वार से बाहर निकालो दोस्तों जब बच्चा बाहर आता ना दोस्तों को प्रणाम करते हुए दोनों हाथों को छोड़ते हुए वह बच्चा बाहर आ जाता है बच्चा बाहर आ जाता है तो माया से जकड़े देती है मां उसे अपने सीने से लगा लेते हैं मां के मालिक मोह माया है प्यार करती माउस और बच्चा उसी में फंस जाता है बच्चों में संस्कार कब आते हैं कैसे आते हैं दोस्तों बच्चों में संस्कार मां के द्वार आते हैं और सबसे ज्यादा संस्कार मिलते हैं दादा दादी से दादा दादी से अच्छे संस्कार मृत्यु कहानी सुन सुन के बच्चा अच्छे अच्छे संस्कार पकड़ लेता है अच्छी-अच्छी बातें करना सीख जाता है अपने भाई अपने से बड़ों का में छोटे वास्तव का लिहाज करता है और जब हम पृथ्वी में जन्म लेते हैं हम आए तो बोल कर के कुछ और है और यहां कर रहे हैं कुछ और चोरी डकैती नशाखोरी मांस मदिरा एंड जुगल खोरे पराई स्त्री पर आए हैं उसे काटना पेट ना बस सुख मिलना चाहिए बस उस सुख के लिए इंसान दर-दर की ठोकरें खाते खाते लोगों को ज्ञान देने में तुला हुआ है उसे यह नहीं पता कि सुख का है सुख तो परिवार के बीच में है माता पिता माता पिता व भाई बहनों के बीच में है बच्चों के साथ हैं परीक्षण भर के सुख के लिए सब की जान लेने में तो लगा रहता है और जब आदमी अंतिम समय आता है दोस्तों चाहे वह आदमी किसी का भी धर्म में हो जब अंतिम समय में बिस्तर में पड़ा रहता था उसे सब याद आता है कि मैंने कौन-कौन से बात किए और उसी पर वह आदमी मर जाता है तो भगवान अच्छा कर्म कर लिया होता तो मैं तेरे द्वारे में आता है अच्छा कर्म कर भी किया नहीं तो फिर भी नर्क में जाना पड़ेगा 200 अच्छा कर्म करें अच्छा रहो आनंद रहो व्यस्त रहो जय माता दी
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हमने इस पृथ्वी पर जो जन्म लिया देखिए विश्व पृथ्वी ग्रह पर जीवन की पूरी संभावनाएं जीवित रहने की है यहां धरती भी है और जल भी है वायु हुई है अग्नि भी है आकाश तत्व भी है और जीवन के जीने की सारे तत्व मौजूद हैं इस कारण से हमने पृथ्वी ग्रह पर जन्म लिया अन्य ग्रहों पर संभव हो वहां आप या ना हो और भी जीवन को जीने के लिए तत्व ना हो इस कारण से वहां हम जी नहीं पाते हो इस कारण से हमने पृथ्वी ग्रह पर जन्म लिया है
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आपने काम इस पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया अभी तो पृथ्वी पर ही टेंशन में हो गए हैं अगर किसी और रूप में जन्म होता तो वहां ले लेते आप भी करते हम भी चलते अब पृथ्वी के अलावा कहीं जंग है ही नहीं उत्पत्ति और कोरा शक्ति केवल पृथ्वी लोक पर ही हैं इसलिए हमारे पास कोई दूसरा अभी ब्रह्मांड का ग्रह नहीं है जहां हम लोग जन्म ले लेते चले इतने पुनित ने अपने आदेश का पालन करते हैं कि शायद परमपिता परमेश्वर ब्रह्मांड में कोई ऐसा ग्रह भेजें हमारा अगला जन्म हो सके
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मिथुन ने पृथ्वी पर क्यों बन गया अपने दीदी को पहचानने के लिए और अपनी दिव्यता से इस प्रकृति और मानव जाति का कल्याण करने के लिए लेकिन अफसोस हम अपने स्वार्थ में सब बातें भूल जाते हैं इसलिए ध्यान रखिए ईश्वर ने आपको अगर पृथ्वी पर भेजा है तो आपका मकसद आपका जीने का तरीका सकारात्मक होना चाहिए मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है अपने जीवन से नकारात्मकता को हटाइए और पृथ्वी पर आने की वजह को सार्थक कीजिए धन्यवाद
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हमने इस पृथ्वी पर क्यों जन्म लिया है जिस तरह से सूरज चौहान धरती आकाश जनजीवन जानवर इसी तरह से इंसानों ने भी जन्म लिया है और मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि इन सबसे ऊपर है ईश्वर जिसने इन सब को बनाया है और हमने इस धरती पर क्यों जन्म लिया है इसका एक खास मकसद हो सकता है वही जानने के लिए हम इस धरती पर आए हैं ईश्वर ने हमें किसी खास मकसद के लिए भेजा है और वह क्या मकसद है हमें नहीं मालूम लेकिन हम इस धरती के माया और मोह में ही फंसे हुए हैं अगर हम अशांत हैं या उदास है इसका मतलब यह है कि हम अपना जो जीवन है वह और संतुलन बिजी रहे हैं हमें अनुशासन से जीना चाहिए और संतुलित जीवन जीना चाहिए तभी हम इस मकसद को पूर्ण कर पाएंगे कि हम इस धरती पर क्यों पैदा हुए हैं अधिक जान घर के लिए आप मेरे इंस्टाग्राम को फॉलो कर सकते हैं और मैसेज कर सकते हैं लिंक बायो में दिया गया है धन्यवाद
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हमने इस पृथ्वी पर क्यों जन्म लिया है यह बहुत ही उम्दा प्रश्न है इस प्रश्न का उत्तर जितना भी दिया जाए उतना कम है फिर भी हम संक्षेप में इसको समझने की कोशिश करते हैं देखे पृथ्वी के इस भौतिक जीवन में जन्म लेते हैं कुछ महत्वपूर्ण सबक सीखने के लिए हर एक व्यक्ति कुछ न कुछ इस पृथ्वी के भौतिक जीवन में सीखने के पृथ्वी पर यह जो जीवन है वह किसी स्कूल में पढ़ाई करने और अपने सबक सीखने के समान ही हर मनुष्य के अपने-अपने सबक होते हैं जिनेवा अपने इस पृथ्वी के जीवन में जीते हुए सीखना चाहता है लेकिन हम मनुष्य ही यह बात भूल गए हैं इसलिए तो आज कल हम अपने सबक नहीं सीख पाते सार्थक सबक नहीं सीख पाते अपनी जिंदगी से और निरर्थक बातों में मतलब फालतू की बातों में लगे रहते और मैं समय बर्बाद करते हैं देखिए छोटे बच्चे अक्सर स्कूल नहीं जाना चाहते वे स्कूल के नाम से ही डरते हैं बहुत सारे बच्चों में से प्रगति होती है जब भी उसके मां-बाप उसे स्कूल जाने को कहते हैं तो अनेक प्रकार के बहाने बनाते हैं हर मुमकिन कोशिश करते हैं कि वह स्कूल नाचा लेकिन उनके माता-पिता उन्हें जबरदस्ती स्कूल में छोड़ कर आते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि वही उनका सच्चा विकास होगा फिर वैसे ही ठीक वैसे ही हम इस पृथ्वी जीवन में पृथ्वी के जीवन में जन अपना आत्मिक विकास करने के लिए अपना आध्यात्मिक विकास करने के लिए अपने शब्द का विकास करने के लिए इस पृथ्वी पर कोई मनुष्य अपने मन को धीरज दिखाने आए हैं कोई मनुष्य अपने मन में प्रेम सिखाने प्रेम सीखनी है नफरत की आग से निकलना है किसी का सबक यह हो सकता है कि उसे लीडर बनना है कोई साहस सीखने के लिए आया है और कोई मनुष्य अहंकार से मुक्त होने के लिए आया है हर लोग अपने-अपने सार्थक तलक सीखने के लिए आए हैं और यह सार्थक सब सीख कर ही जाने वाले हैं लेकिन लेकिन बहुत सारे कर्म अनुबंधों के कारण वे अलग-अलग व्यक्तियों में पड़ जाते हैं वे भूल जाते हैं कि उनका जीवन का लक्ष्य क्या था और वह गलत कामों में नकारात्मक नकारात्मक कर्मों में लगकर इस पृथ्वी के अमूल्य जीवन को नष्ट कर लेते हैं अपना समय निरर्थक बातों में लगाते हैं जो कि इस पृथ्वी पर आने का लक्ष्य अपनी जड़े खुद को देते हैं इस पृथ्वी के जीवन की अमूल्य जो दिन है हमारा शरीर इसका हम अनादर करते हैं हम इस शरीर का अतिक्रमण करके इसको अगर हम बेवजह गलत तरीके से अगर हम इसका ख्याल रखते हैं गलत तरीके से अगर हम इसका सेवन करते हैं अपनी सरिता तब भी हम अपने सार्थक सबक नहीं सीख रहे यानी हमारे इस पृथ्वी पर आने का हमारा लक्ष्य जो है वह पूरा नहीं हो पा रहे हैं लेकिन अभी हम बात करते हैं कि पृथ्वी पर हम क्या-क्या सबक सीख सकते हैं बीके पृथ्वी की पाठशाला में सबसे पहले पहला सबक हमें यह सीख सकते हैं कि हम कैसे धनवान बने जीवन जो है हमें धक्के देकर लक्की देकर दिखाता है दूसरा शब्द की है कि हम कैसे ज्ञान अर्जन करें अच्छी जानकारी अच्छे ज्ञान का रीजन आत्मिक ज्ञान का अनशन व हर जानकार दिन कैसे करें यह दूसरा शतक हो सकता है तीसरा सभ्यता को कैसे प्राप्त करें अभय ता कहने का मतलब भय से मुक्ति हम किसी भी प्रकार के भय से नकारात्मक भेजे हमको मुक्ति मिले सबसे बड़ा भाई तो मृत्यु का भय होता है तो इन सब प्रकार के भय से मुक्ति कैसे प्राप्त कर सकते हैं यह तीसरा शतक हमारा होता है तथा चालक हमारा हो सकता है कि हृदय की भावना हम पृथ्वी पर खोलने के लिए आए हैं बंद होने के लिए नहीं तो अपने हृदय को हम खोलें हम सकारात्मक चीजों को देख सकारात्मक तरीके से अपने जीवन को हम यापन करें यह चौथा शतक हो सकता है 5 माह से बस हम होश में जीवन की मसि नियत को तोड़े हम एक मशीनी जीवन माता जी ने लग गए तो हम होश में जीवन जिएंगे तो हमारे अंदर किसी भी प्रकार की नकारात्मकता हावी नहीं होगी या पांचवा सबक हो सकता है जो हम सीखने के लिए छटा सबक विवेक विवेक से काम अपनी बुद्धि का मैक्सिमम जितना परसेंटेज हो सकता है उतना परसेंटेज धन बुद्धि का इस्तेमाल करें पैसा नहीं बुद्धि ही सब कुछ है हम इस बात को समझ लेंगे तो हम पृथ्वी पर यह हमारा छोटा जो सबक है हम यह सबक सीख पाएंगे सातवां शतक हो सकता है कि हम अपने आप पर आत्म नियंत्रण करें शरीर और मन पर अपना अनुशासन करें यह पृथ्वी पर आने का हमारा सातवा लक्ष्य आत्मक सबक हो सकता है हम किसी के जीवन में आत्म नियंत्रण अपने आपको करें आठवां चमक हो सकता है पृथ्वी की पाठशाला का कि हम विकास करें विकास का मंत्र हमेशा जीते जीत किस बात की भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति की जीत नहीं होती चीज से सौहार्द्र अच्छी-अच्छी सकारात्मक चीजें हम लोगों के मन को जीते अपने अच्छे कर्मों के द्वारा यह पृथ्वी के सबक में जीवन में जो हम सबक सीखने वाले आत्मा सभा कैसा हो सकता है पृथ्वी की पाठशाला में हम चाहत भी सीखने के लिए आए साहस हम सीख सकते हैं नपे तुले जोखिम उठाने की उठान उठाते हुए कि हम कैसे हम साहसी तौर पर इस जीवन यापन इस जीवन को हम आगे बढ़ाएं के इस जीवन को राहत के तौर पर जो है साहस के साथ हम जो है अपने सार्थक शब्द के दसवां सेवक दिशा एक लक्ष्य बनाने के लिए लक्ष्य वही आत्मिक लक्ष्य की इस व्यक्ति के जीवन में हम जो भी जी रहे हैं जिस प्रकार से हम जी रहे हैं उसको चाहे वह प्राप्त करने का लक्ष्य पृथ्वी की पाठशाला में 11 शब्द देना देना सीखे लेना तो हम सभी चाहते हैं कुछ देना सीखे किसी के लिए कुछ दिन में बने किसी भी चीज के लिए चाय किसी को ज्ञान दे किसी को किसी को सहायता करें इस प्रकार से हम पृथ्वी के इस जीवन में जारवा सबक देना किसी को देने का देने के प्रति हो या सीख सकते हैं पृथ्वी की पाठशाला में बार-बार सड़क होता है आशा आशा आशा वन बनना कभी भी नकारात्मक नहीं निराशावादी नहीं करना चाहिए आशावादी हमेशा इंसान बनना चाहिए भक्ति में आशावाद खिलाना चाहिए ताकि वह सकारात्मक विचारों के महत्व को समझ सके यह पृथ्वी के जीवन में हम तेरवा सबक ऐसा है और चौथा 13 साल का तेरवा सबक सीख सकते हैं पृथ्वी के जीवन में भक्ति हम किस प्रकार से भक्ति के द्वारा जो है ईश्वर के उस चैतन्य स्वरूप हम समझ पाए भक्ति कहने का मतलब कर्मकांड वाली नहीं आप अगर ईश्वर को सही तरीके से सही मन से अगर आप याद भी करते हैं तो वह भी भक्ति के ही के ही बराबर हुआ किस ईश्वर के स्वरूप को चिंतन करना याद करना भी भक्ति है क्योंकि हम उनके गुणों को याद करके हम उनके जैसे बन सकते हैं इसलिए पृथ्वी के जीवन में हमें बहुत सारे बहुत सारे ऐसे घटनाक्रम हमको मिलते हैं उतार-चढ़ाव के जिस सभी घटनाक्रम से जो है हम यह सबक सीख सकते हैं इसलिए कुछ भी विषम परिस्थितियां जीवन में कुछ भी प्रस्तुति आए तो समझ लीजिए कि वह हमेशा सबक सिखाने के इस प्रकार से हम पृथ्वी पर इन सार्थक सेवकों को सीखने के लिए ही आए हैं धन्यवाद
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तो आपको क्या लेकर आना था आपको माफ जुपिटर में जन्म लेना था क्या पृथ्वी एक ऐसा प्लानेट है जहां पर व्हाट्सएप फाइल एवरीथिंग इज अवेलेबल कहां पर मिलता है आप यहां पर हर चीज कर सकते हैं जहां पर है वहां पर रहिए
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नमस्कार आपका सवाल है कि आप इस पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया है तो मेरे मित्र मैं बताऊं आपका जो इस जन्म से पहले जन्म भूमि के संबंध रहा है वह इस पृथ्वी से ही रहा है अगर किसी और ग्रह पर होता तो आप किसी और ग्रह और ब्रह्मांड में कहीं जन्म लेते तो आपका प्रारंभ यहां से जुड़ा हुआ है इसी कारण आपको यह जन्म लेना पड़ा है क्योंकि कुछ कार्य आपके हाथों से अच्छे हुए होंगे कुछ गलत हो गए होंगे जो गलत कार्य हुए हैं उनको सही करने के लिए आप को जन्म दिया गया है इसलिए सही मार्ग चलें सत बार फिर चलें प्रभु का भजन करें और आनंद लें जय सियाराम
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हमने उसी पर क्यों जन्म लिया अपने आपको अपनी आवश्यकता को खोजने के लिए आत्मा भूत के लिए आत्मज्ञान के लिए हमने इस बच्ची को जन्म दिया जन्म उत्सव है जीना चाहिए आनंद लेना चाहिए और आनंद ही हमें बांटना चाहिए और आनंद है प्रेम में उदारता में इसने करुणा में हमारे जीवन में जीने का उद्देश्य करूंगा उदारता और अहिंसा इस भाव को अपने व्यवहार से परिलक्षित करना चाहिए लोगों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए और साथ में आना चाहिए था इस पृथ्वी पर जन्म लेने का
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नमस्कार आपका प्रश्न है हमने इस पृथ्वी पर जो जन्म लिया आपको बता दें यह जगत यह संसार परिवर्तनशील है गतिशील है समय के अनुसार परिवर्तन होते रहता कोई बच्चा जन्म लेता है फिर वह जवान होता है फिर वृत्त होता है उसके बाद फिर मृत्यु को प्राप्त करता है इस तरह या जीवन चक्र चलता रहता है अतः प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है इस पृथ्वी पर आए हैं अपने कर्तव्य का पालन करें और कर्तव्य है यह संसार अगर परिवर्तनशील है हम भी इस संसार को परिवर्तन के लिए कर्म करें धन्यवाद
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हमें पता ही नहीं होता है कि हम इस पृथ्वी पर क्यों आए अगर हमें पता चल जाए कि हम इस पृथ्वी पर क्यों आए तो हम स्वयं ही भगवान ही ना हो जाए दूसरा हमारा सबसे पहला लक्ष्य तो होना ही यह चाहिए कि हमें यह जानना है कि हम इस पृथ्वी पर क्यों आए यह जानने के बाद हमें आगे बढ़ना चाहिए उस कार्य को करने के लिए जो आपने जाना तू इतनी दुनिया अंधकार में ही जी रही है इसलिए ज्ञान नहीं होता है जिस व्यक्ति को ज्ञान होकर यह पता चल जाए कि मैं इस कार्य के लिए पृथ्वी पर आया हूं उसको मोक्ष प्राप्ति के लिए कोई नहीं रोक सकता है बस इंसान को करना चाहिए कि अच्छे कर्म करते चाहिए हो सकता है आपको बहुत जल्दी पता चल जाए जैसे ही पता चलेगा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाइए आगे और उस कार्य को करते जाइए धन्यवाद
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सभी जीव अनादि काल से जन्म और मृत्यु के चक्र में है जन्म लेने का अर्थ है कि कुछ संस्कार हैं जो शेष हैं जिन को पूरा करने के लिए शरीर की आवश्यकता है व्यक्ति तक तक जन्म और मरण के चक्र में घूमता रहता है जब तक पूर्ण संस्कार खत्म नहीं होते योग अध्यात्म अपने स्वरूप को जानने की विधि है जिससे व्यक्ति अपने पूर्व से कारों को खत्म कर सकता है और जन्म और मृत्यु के चक्र से बाहर आ सकता है
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हम सोते में क्यों आए हैं जैसे चांद सूरज पृथ्वी और अन्य ग्रहों की उत्पत्ति इस ब्रह्मांड में हुई है वैसे ही धरती में तमाम क्रम विकास के बाद इंसान वजूद में आया है इंसान क्रम विकास की चरम पर है आज हम इस धरती में क्यों आए हैं यह विचार करने का काबिल है यह सवाल किसी और के प्राणी में नहीं आता है यह काबिलियत सिर्फ इंसानों को मिला है
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हम इस पृथ्वी पर क्यों जन्म लिया है बिना प्रयोजन कुछ होता नहीं प्रयोजन अनुदिश संबंधों की प्रवृति बिना प्रयोजन कोई व्यक्ति भी एक कदम आगे नहीं बढ़ता है तो इस संसार में जो कुछ भी होता है एक प्रयोजन के साथ होता है उसके पीछे एक प्रयोजन रहता है कि क्यों मानव जन्म क्यों इस सृष्टि क्योंकि सृष्टि क्यों हो इसके साथ भी यह प्रश्न जुड़ा है इसको हम अलग से नहीं कह सकते हैं या रक्षक नहीं कर सकते हैं फिर हम समझ सकते हैं कि मानव जन्म जन्म में हमको क्या करना पड़ेगा एक प्रश्न के उत्तर में इस पर भी चर्चा की है फिर मैं उसको यहां भी दो सृष्टि का सृष्टि के जो कल्पना है सृष्टि को जो रचना है इस सृष्टि रची गई है एक उद्देश्य से की जो परम चेतना जो रखता है जो भगवान है वह स्वयं को क्योंकि वह सब आनंद में है अपने आनंद को स्वयं उपलब्ध करने के लिए उपयोग करने के लिए अपने लीला के लिए उस रिश्ते को रखें बहू बनकर बहू बहू का मतलब नहीं है कि नहीं दीदी अनेक जब भी टोटा से एक के रूप अखंडता अखंडित इस रिश्ते में उसके उद्देश्य है अपूर्ण को पूर्ण बनना है उस खंडित को फिर अखंड बनना है उतना को फिर से बनता है मांगू जनप्रतिनिधि अपने अंदर उपलब्धता में मानव सारी सुविधाओं का सीन बना है बांध का नक्शा इसी प्रकार 2 लीटर फेवरेट प्लेलिस्ट जिला का मकसद पीड़ित मानव का जन्म इस पृथ्वी पर हुई है जबकि पूर्व को उपलब्ध करना पूर्ण आनंद बन्ना आनंद को पूर्ण रूप से प्रकाशित करना आनंद को विविध रूप से प्रभाव करता इसलिए मानव का जन्म पृथ्वी पर है
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जी आपका प्रश्न बहुत ही अच्छा है हमने इस पृथ्वी पर क्यों जन्म लिया है जैसे हर इंसान ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया है क्यों जीने के लिए प्रोटीन होता है सृष्टि का अपना विचार जियो और जीने के बीच में स्टडी करो उसको लाइफ़लेस डायल करो अरे बनाओ पढ़ो लिखो पैसे कमाओ एक मनुष्य कृष्णा
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एक्चुअल में इस पृथ्वी पर जन्म लेने का सबका मकसद अलग-अलग है वह सब के लिए भगवान ऊपर से बना कर भेजा है कि किसको क्या करना है और सब की लाइफ अलग अलग है इसलिए अपनी जन्म को पृथ्वी के बारे में ना पूछे और अब पैसे कम कीजिए कीजिए जिससे आपकी लोगों में प्रशांत अवस्थी
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आपका सवाल है कि हमने इस पृथ्वी पर क्यों जन्म लिया है आपने बहुत ही अच्छा सवाल पूछा देखिए अगर इस पृथ्वी पर हमें मनुष्य का जन्म मिला है तो यह सौभाग्य की बात है न जाने कितने साल ठोकर खाने के बाद यह जन्म मिलता है करोड़ों वर्षों साल होकर हमारी आत्मा खाती है उसके बाद हमें मनुष्य का जन्म मिलता है कीड़े मकोड़े पशु पक्षी का जन्म मिलने के बाद यह जन्म मिलता है तो यह जन्म इसलिए मिला है ताकि हम जीवन और मृत्यु के सिस्टम से छुटकारा पा सके हमेशा के लिए और भगवान श्री नारायण के श्री चरणों में अपनी आत्मा को अस्थान दिलवा सके लेकिन धरती पर जन्म लेने के बाद मनुष्य आज बस गड़बड़ी कर रहा है गलती कर रहा है अपना अपनी कर रहा है कितना लूट लूं किसी दूसरे को या लूट के करोगे क्या आप लेकर जाओगे आसमान में कोई लेकर नहीं गया कोई ना लगना तो लेकर जाएगा आना तो सब शरीर को ही किसी के हाथों कोई स्वर्ग में जाएगा या नर्क में जाएगा आत्मा ही जाएगी आत्मा ना तो मरती है और ना जीती है ना कोई काट सकता है ना कोई जला सकता है भगवान श्री कृष्ण ने साफ शब्दों में लिखा है गीता में आपकी आत्मा निकलेगी दूसरा शरीर धारण कर लेगी आप अच्छा काम करोगे तो भगवान के श्री चरणों में आपको अस्थान मिलेगा और आप जीवन मृत्यु के सिस्टम से हमेशा छुटकारा पा लोगे और स्वर्ग के निवासी हो जाओगे तो आपको क्या करना है आप सोचिए धरती पर बहुत महान महान लोग आए और महान कार्य किया और वह महान बने भगवान बुध भगवान श्री राम भगवान श्रीकृष्ण स्वयं इस भारत की धरती पर जन्म लिए हैं हम तो बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं अपने आपको क्या मैं हमारा जन्म भारत की धरती पर हुआ है भारत की धरती ऐसी धरती है जहां स्वयं भगवान ने जन्म लिया है स्वयं भगवान विष्णु ने कई रूपों में उतार लिया है महान महान महापुरुष जन्म लिए इस धरती पर चंद्रशेखर आजाद पृथ्वीराज चौहान गुरु गोविंद सिंह जी गुरु नानक देव जी भगवान श्री कृष्ण बहुत सारे महान महान लोग जन्म लिए तो इस धरती पर जब हमारा जन्म हुआ है तो हम गलत काम क्यों करें हम क्यों नहीं देश के लिए मर मिटने की प्ले के लिए भावना रखें देश प्रेम की भावना रखें जो देश प्रेम की भावना रखते हुए जो अपने जीवन की कुर्बानी देता है उसको सीधे स्वर्ग में स्थान मिलता है जो व्यक्ति बस अपना अपनी करता है हम खुद के लिए जिएंगे ठीक है भैया खुद के लिए जीने की कोशिश करिए लेकिन थोड़ा बहुत आप कर्म करिए मैं देखता हूं कि बहुत पैसे वाले लोग अपना ₹1 भी नहीं निकालते हैं उन से मेरा विनम्र निवेदन है कि आप निकाला करिए लक्ष्मी कभी कम नहीं होती हैं कभी कम नहीं होंगी आपकी लक्ष्मी लेकिन लक्ष्मी को अगर आप सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करोगे तो कम हो जाएंगे लक्ष्मी अगर गलत तरीके से इस्तेमाल करोगे तब भी कम हो जाएंगे लेकिन हां लक्ष्मी का उपयोग अगर किसी गरीब व्यक्ति के लिए आप कर रहे हो तो आपकी लक्ष्मी बढ़ेंगे निर्मित क्यों लोग पैसा देते क्या कारण है कि मंदिरों में करोड़ों रुपया दे देते हैं क्योंकि उनकी तरक्की होती है उससे पंडित जी ने क्या किया उन से मतलब नहीं है उन्होंने तो अपना कर्म कर दिया देखिए आज का साइंस का जमाना है बहुत टेक्निकल लोग सोच के धर्म के विरुद्ध बोलते हैं धर्म एक सिस्टम है अगर भगवान शिव की मूर्ति के ऊपर दूध गिराया जाता है हमारे शास्त्र में लिखा गया है पीके मूवी में दिखाया गया कि वह उस दूध को गरीब के बच्चे को पिलाओ भैया गरीब के बच्चे को क्यों पिलाएं भगवान शिव के ऊपर जब दूध गिराने का सिस्टम है हमारे धर्म में तो आधा लिटर दूध गिरा देंगे भगवान शिव भगवान शिव की पूजा में तो क्या आप गरीब हो जाएंगे हमारे शास्त्र में तो यह लिखा है कि भगवान क्या पूजा मंत्र करिए दूध से स्नान कराइए आधा लीटर से नहीं होता 100 ग्राम से स्नान कराइए भगवान शिव को और 800 ग्राम 700 ग्राम जो अब बचाते हैं उसको गरीब को पिलाओ तो जो जिसके हिस्से का है उसको आपको देना पड़ेगा मारवाड़ी लोग बेवकूफ नहीं होते हैं जो करोड़ों अरबों रुपया लगा के मंदिर बनवाते हैं वह धर्म के नियमों पर चलते हैं तब वह तरक्की करते हैं मैं भी बनारस में रहा हूं गुजराती लोग रहते हैं वहां पर और वह लोग धर्म के मामले में इतना पक्के हैं कि मैं क्या बताऊं आपको वहां पर लंका पर करोड़ों रुपया लगाकर उन लोगों ने मंदिर बनवाया एक मंदिर बनवाया है तो सोच लीजिए कि आपको धर्म के पद पर चल के कार्य करना है कि अधर्म के पद पर चल के कार्य करना है हमको भैया ज्यादा टेक्निकल नहीं बनना है हम भगवान से ऊपर नहीं है ऊपर वाला है जो पूरी दुनिया को चला रहा है हमें तो महसूस होता है कि नहीं इस दुनिया में भगवान है एक शक्ति है जो पूरी दुनिया को चला रही है ब्रिटेन के प्रधान राष्ट्रपति आए थे घबरा गए हिंदुस्तान को देखकर बोले कि यार कोई शक्ति है जो इस देश को चला रहा है इतना बड़ा लोकतंत्र इतने सारे लोग इतनी धर्म इतनी जातियां इतना बोल चाल 8 किलोमीटर पर बोल चाल बदल जाता है हिंदुस्तान में यूपी में तो 2 किलोमीटर आप आगे जाएंगे तो बात विचार बदल जाता है क्या हिंदुस्तान है यार हिंदुस्तान की धरती पर भगवान जन्म लेने के लिए पूछते हैं तरसते भी हैं देवता लोग हमारा जन्म भारत की धरती पर हो जाए भगवान श्री कृष्ण जब बचपन में जन्म लिए थे ना तो उनके बाल लीला को देखने के लिए भगवान शिव आए थे और बाल दर्शन करने के लिए उनको न जाने कितना मेहनत करना पड़ा यशोदा माता से वार्तालाप में उनको दर्शन मिला सोचिए उस धरती पर आपका जन्म हुआ है धर्म के पथ पर चलिए और अपना धरती पर जन्म लेने का मतलब समझिए कर्म करिए गीता में एक शब्द लिखा गया कर्म ही पूजा है कर्म ही पूजा है किसी दूसरे व्यक्ति का स्टेटमेंट नहीं है यह गीता कहती है उसके बाद बहुत सारे महापुरुषों ने बहुत सारे धर्म ग्रंथ लिखे उसमें भी यही लिखा है कि कर्म पूजा है हम कर्म क्यों नहीं करते हैं हम दो लाइन बड़ा आसानी से पढ़ लेते हैं बात तो बहुत अच्छी अच्छी कर लेते हैं जो करने का टाइम आता है तो क्यों नहीं करते खाना खाते हैं हम और भूखा बगल में भूखा रहता है हम क्यों खाना खाते हैं हम क्यों नहीं उस को खाना खिलाते हैं हम 4 दिन भूखे रहेंगे लेकिन हम दूसरों को खिलाएंगे उसको कोशिश जॉब दिलाएंगे वह नौकरी करेगा वह खाना खरीदकर खाएगा तो व्यवस्था करिए अपने समाज के लिए जीने की कोशिश करिए जब आप अच्छा कर्म करेंगे तब आपकी आत्मा को भगवान श्री नारायण अपने श्री चरणों में स्थान देंगे और आप हमेशा के लिए स्वर्ग के वासी हो जाओगे धन्यवाद
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हमने इस पृथ्वी पर इसलिए जन्म लिया है क्योंकि इस पृथ्वी पर कोई भी जीव का जन्म इसलिए होता है क्योंकि उसका कोई ना कोई उद्देश होता है कोई ना कोई काम से वह इस पृथ्वी पर जन्म लेता है व्यक्तियों में कोई लोग छोटे उद्देश्य आते तो कुछ लोग बड़े उद्देश्य से आते हैं अपनी अपनी अलग-अलग श्रेणियां होती हैं तो याद रखें कि हर एक व्यक्ति का जन्म कोई ना कोई उद्देश्य हुआ है अपने सुदेश का पहचान करें उस काम को करें और अपने नाम का परचम लहराया
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वेरी नाइस क्वेश्चन बहुत ही प्यारा क्वेश्चन में हमने इस पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया देखिए हर एक इंसान के जीवन में सवाल उठता है कि हमने पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया उसने सब है लेकिन जवाब खुद खुद ही बहुत ही चंद लोगों को मिल पाता है इस कारण से इतना है कि चेतना कितनी जाति के प्रति वही इंसान जान पाता कि इस धरती पर क्यों जन्म लिया इसका जवाब जो है वह आपको बाहर कहीं नहीं मिलेगा जी हां आप उसका जवाब आपको बाहर कहीं नहीं मिलेगा इसका जवाब आपको अपने भीतर मिलेगा क्योंकि हर एक चेतना का अपना जीवन का लक्ष्य होता है और वह उसी लक्ष्य के साथ पैदा होती उसे प्राप्त करने के लिए और उसी जैसी उस लक्ष्य को प्राप्त कर लेती है जिसको हम बोलते कि बिना इच्छा की मृत्यु तो वह इंसान को मोक्ष प्राप्त होता है तो हमने जन्म क्यों लिया यह सवाल का जवाब आपको तब मिलेगा जब आप ध्यान की गहराइयों में जाएंगे खुद से अपने आप को जोड़ेंगे जिसमें कि हमें बताया गया योग योग मतलब कि खुद से जोड़ जोड़ ना अपने आप को योग का मतलब ही जोड़ है तो आप खुद को अपने आप से जोड़ ले अपने भीतर व्हिस्की ध्यान करना शुरू करें जिससे आप ध्यान करने लगेंगे आपको भीतरी आनंद की अनुभूति होना शुरू होगी और जैसे-जैसे बिक्री आनंद की अनुभूति होगी आपको पता चलेगा कि आपका यह बर्थ क्यों हुआ है और जैसे-जैसे आपको यह फील आएगा आप अपने ओरिजिन के नजदीक जाना शुरू हो जाएंगे और जैसे-जैसे आप उसके नजदीक पहुंचेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि आपका बर्थ क्यों हुआ है और तब मिट्टी के लिए आपको यह फील आएगा कि क्यों आपने इस धरती पर जन्म लिया आपकी चेतना का क्या लक्ष्य है और आपको वह क्वेश्चन का आंसर मिलेगा क्योंकि इसका जवाब आपको बाहर कहीं भी ढूंढ लेंगे तो आपको नहीं मिलेगा इसका जवाब सिर्फ और सिर्फ आपको अपने भीतर ही मिल सकता है इसी तरह हर चेतना का अपना जो यह सवाल है उसका जवाब उसको उसके भीतर ही मिलेगा कि उसने इस धरती पर क्यों जन्म लिया थैंक यू सो मच नाइस क्वेश्चन करने के लिए जिसका जवाब देने के लिए मुझे भी बड़ा आनंद महसूस हो रहा है थैंक यू सो मच
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आपको यह कैसे पता कि जन्म आपने लिया है क्या आपके पास कोई प्रूफ है कि जन्म आपने लिया है या यूं कहें कि जन्म आपको किसी ने दिया है तो आप यह मत खोजिए कि आपने पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया है आप यह इस सवाल का जवाब खोजिए की जन्म आपने लिया है या किसी ने आपको दिया है अगर किसी ने दिया है तो किसने दिया है आप ही खोजिए आप गलत खोज रहे हैं कि आपने जन्म क्यों लिया
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आपका प्रश्न बहुत ही बेहतरीन है कि हमने इस पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया है दर्शन शास्त्र के अनुसार अगर हम बात करेंगे हमने पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया है आज के दिन जो आपका यह प्रश्न है यह मनुष्य नहीं सोचता ही नहीं है जबकि है प्रश्न बहुत ही उच्च इंदा पसंद है बहुत ही अच्छा प्रश्न है जीवन को समझने का प्रश्न है कि हम इस पृथ्वी पर क्यों आए हैं हमने क्यों जन्म लिया कि आज की जो मानवता है वह इस चीज पर कभी विचार ही नहीं करती इस तरफ जाती ही नहीं है कुछ कुछ आज पॉइंट में कुछ परसेंट से टूटी बहुत छोटा सबका वह बेसिक्स इन विषयों पर चिंतन करते हमने पृथ्वी पर जन्म क्यों लिया है इसका एक ही भाव से उत्तर है मेरा मेरे अनुसार मेरी धर्मशास्त्र के मेरे दर्शन शास्त्र के अनुसार कि हम इस पृथ्वी पर इसे और सुसज्जित और सुशोभित करने आए हैं और एक मां जो वर्ग है उसको और ऊंचा बनाने आए हैं जो मानव जैसा कि हम जानते हैं सतयुग त्रेता युग द्वापर युग से हम देखते आए हैं कि मानव ने सदैव मानव को ऊंचाई कितने दाम में राम ने द्वापर में कृष्ण ने कई राजा हरिश्चंद्र ऐसे ऐसे लोग आए जिन्होंने मानवता को और ऊपर ले जा कर रखा मानवता को और ऊपर दिखाया तो धरती पर हमारे आने का जो अर्थ है वह यही है कि हम मानवता का और ऊंचा दिखाएं और इस धरती को और भी ज्यादा सुसज्जित करें जैसा कि आज के आज कल के प्रश्न कालों में ऐसा कोई प्रश्न ही नहीं उठता लोग धरती को नष्ट करते जा रहे हैं पृथ्वी को नुकसान पहुंचाते जा रहे हैं आए दिन क्षति पहुंचाई जा रही है पीने योग्य पानी को दूषित किया जा रहा है पेड़ों को वनों को काटा जा रहा है ऐसे ही कुल मिलाकर धरती को छोटी पूर्ण बनाया जा रहा है काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिस चीज के लिए पृथ्वी में पृथ्वी बनाई ही नहीं थे हम वह कार्य करने की ओर जा रहे हैं हमें जाना था धर्म की ओर हमें करना था पृथ्वी के साथ अच्छा कार्य लेकिन हम बुरे कार्यों की तरह खींचे जा रहे तो जरूरत है सभी को ऐसे प्रश्नों को समझने की गेम पृथ्वी पर क्यों आए हैं और हमें मानवता को ऊंचा दिखाते हुए पृथ्वी को और भी ज्यादा सुसज्जित और सुशोभित बनाना है जैसा कि एक उदाहरण के अनुसार अगर मैं आपको समझाऊं एक बंजर भूमि पर एक किसान को भेजा जाता है तो इसलिए भेजा जाता है कि वहां पर जाकर हरियाली लाएगा और खेती करेगा लहूलुहान करेगा उस चीज को उस जग जोगी बहुत ज्यादा भ्रमित जी बहुत रे की प्रकृति से ही करेगा प्रकृति के प्रश्न करेगा प्रकृति को और भी ज्यादा सुसज्जित बनाएगा यह मानवता है और इसीलिए हमने पृथ्वी पर जन्म लिया है
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जय संपूर्ण सृष्टि ईश्वर की ही देन है ईश्वर ने संकल्प लिया एक वैभवशाली मैं एक हुए हूं बहुत हो जाऊं इस तरह ईश्वरी सब प्राणियों में हाथ रूप में समाहित हो गए पृथ्वी पर जन्म लेने के कारण इसीलिए लिया गया है कि परमात्मा ने हमें सबसे पहले भेजा फिर हम अपने अनुक्रम अनुसार पृथ्वी पर जन्म लेते हैं जैसे हम कर्म करते हैं ऐसी होनी में ही हम पृथ्वी पर जन्म लेते हैं यह हमारे कारण और हमारा प्रारब्ध है जो हम पृथ्वी पर जन्म लेते हैं परमात्मा ने तो सबको एक ही आत्मा दी है शरीर भी नए लोग भिन्न है आदमी जैसे कर्म करता है वैसा ही व शरीर धारण करता है
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