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देखिए हमारा मन ही तो है जिसकी तुलना एक वानर से की गई है एक बंदे से की गई है जो एक डाल से दूसरी डाल बेवजह भी आता रहता है उछलता रहता है यह मन ही तो है जिसको आ कंट्रोल करना हमें लगता है बहुत मुश्किल काम है यह मन ही तो है जिसके कारण हम विचलित हो जाते हैं एक पल में हम सुख का खुशी का एहसास करते हैं और दूसरे ही पल में हमें लगता है कि मेरे साथ क्या हो रहा है मेरा जीवन ठीक-ठाक नहीं चल रहा जब आप बोलते हैं अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें तो वही बड़ी सिंपल सी बात है जब आपको पता है कि मन में उलझन है तो आपको यह भी पता होगा कि भूषण क्या है मतलब आपको सर चेक योर टॉपिक डेफिनेटली पता होगा जब आपको वह पता है तो फिर आप एक-एक करके गुत्थी को सुलझाने की कोशिश कीजिए वह कुछ ऐसा होता है देखिए जैसे मान लीजिए कहीं पर किसी राशि में हमने देखा है बहुत सारी गाड़ी आगे बहुत सारे गठन बाद दिया है तो भाई एक बार में तो सारे गिटार नहीं खुल जाते आपको पहला सबसे ऊपर वाला खोलना पड़ेगा उसके बाद दूसरा उसके बाद भी इस तरीके से आपको आराम से सोच समझकर गिठान को खोलना होता है ऐसी होता है अब जब आप बोलते हैं कि मन की उलझन है तो जब आपको पता है कि सर जी टी ए टॉपिक है तो उलझन क्या है उसको आप उलझन की तरह मत देखे उसको आप यह देखें कि अच्छा ठीक है तो अभी करना क्या है भाई परिस्थिति यह है तो अभी मुझे क्या करने की जरूरत है आप उसको देखें जब आप सोचते हैं कि अच्छा अभी मुझे क्या करना है क्या करना चाहिए तो आपके पास ऑप्शन देखते हैं ऑप्शन एबीसी मतलब आपको राशन क्या चाहिए करूं क्या चाहिए करूं क्या अच्छा ऐसे लिखता है ओके जब आपको देखता है तो फिर उसके बाद आप तो यह देखें कि भाई एक करना चाहिए या नहीं करना चाहिए करने से मेरे को फायदा किसी और को नुकसान है कहीं कोई गलत काम तो नहीं हो रहा मेरे से कोई अपराध तो नहीं हो रहा कुछ ऐसा कुछ तो नहीं हो रहा आप इस तरीके से फिर उन ऑप्शन को देखिए और फिर वह करिए जो इन सब में से मोस्ट एप्रोप्रियेट है क्योंकि भाई आपका कर्म है तो किसी चीज को सॉल्व करने का यही तरीका होता है यह देखना होता है कि अच्छा इस परिस्थिति में मुझे कदम उठाना है तो वह मेरा कदम क्या हो सकता यह हो सकता है यह सही हो सकता है यह वाला करूं या यह वाला करो और फाइनली आप वह वाला चूस कीजिए जिसमें किसी की हानि ना हो किसी को क्षति न पहुंचे आप आप मानेसर ना हो आपको करते समय याद करने के बाद पछतावा ना हो कि मैंने ऐसा क्यों किया आप कोई गलत काम ना करें आपस आपका ख्याल रखते हुए कोई कदम उठाएं चाहे वह कमीनी किस्म की बात हुआ कि यह चाय वह आकर कर्म या काम करने के बाद तो कोई ऑप्शन देने की बात कोई सलाह देने के बाद वे किसी चीज पर एक तरीके का का काम करने की बात तो यह सब सोच समझकर आप डेफिनेटली उस गुत्थी को सुलझा सकते हैं कई बार ऐसा भी होता है कि भाई अभी समझ नहीं आ रहा कि सॉल्यूशन क्या है तो आप रुक जा ठहर जाए अगर आपको ऐड करने की जरूरत नहीं तो ठहर जाइए क्या पता उस समय नहीं लेकिन थोड़ी देर के बाद या अगले दिन या 2 दिन बाद आपको सलूशन ज्यादा क्लियर से समाचार है तो आप कदम उठाएगा
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आप कैसे हैं अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें अपने मन की उलझन के विचारों से आप अपने निर्णय जिसके पास सूचनाओं के पास निर्णय लेने के विकल्प रहेंगे आप इन विकल्पों में सर्वोत्तम का चयन करके एक निर्णय लेंगे और यह है मन में संशय नहीं मन में निश्चय रखें थैंक यू वेरी मच
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आप ने प्रश्न किया है कि अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें मन की उलझन को दूर करने से सबसे पहले यह जानना होगा कि हमारे मन में उलझन आती क्यों हैं शान से बताता है कि हमारे मन में प्रतिदिन हजारों की संख्या में विचार आते हैं उनमें कुछ विचार होते हैं जो सकारात्मक होते हैं कुछ विचार होते हैं जो नकारात्मक होते हैं उन विचारों में भी कुछ विचार हमारे लिए बहुत जरूरी होते हैं लेकिन ज्यादातर जो विचार होते हैं वह हमारे लिए अनावश्यक विचार होते हैं लेकिन कहीं ना कहीं हम उनको महत्व दे करके उनको अपने दिमाग में रह करके कहीं ना कहीं अपने दिमाग को हम कई सारे दिशाओं में उलझा देते हैं मतलब यह कह सकते हैं कि हमारे पास जो मारा विवेक हमारी बुद्धि है कई विचारों में एक साथ कार्य कर रहा होता है इसलिए जो हमारे अंदर जो हमारी ऊर्जा है सकारात्मक ऊर्जा है जो हमारे अंदर की प्रतिभा वह महत्वपूर्ण कार्यों में अपना ध्यान नहीं दे पाता या उन पर वह फोकस नहीं हो पाता और जब हमारा ध्यान कहीं ना कहीं हमारे जीवन की समस्याओं के समाधान पर ना हो करके केवल और केवल समस्या के ऊपर होता है तो इससे कहीं ना कहीं हमारे दिमाग में जो विचार आते हैं वह बहुत ही नकारात्मक विचार होते हैं और जब दिमाग उसको बड़ा करके कहीं ना कहीं और हमारे दिमाग में उसको और बड़ा कर देता है इसलिए जब हमारा दिमाग हमारे जीवन की कई सारी समस्याओं में एक साथ पता होता है तब वह उनके समाधान के बारे में कुछ नहीं सोच पाता और ना ही उसके लिए कुछ प्रयास कर पाता इसीलिए व्यक्ति ऐसी अवस्था में किसी भी समस्या से बाहर अपने आप को निकला हुआ नहीं महसूस कर पाता और कहीं ना कहीं उस में उलझ कर रह जाता है यही कारण है कि हमारे अंदर पूरी क्षमता होते हुए पूरी पोटेंशियल होते हुए फिर भी अपने जीवन के हम समस्याओं से बाहर नहीं निकल पाते कारण सिर्फ यही होता है कि हमारा दिमाग सिर्फ उन समस्याओं में उन नकारात्मक विचारों में कहीं ना कहीं उलझा रहता है लेकिन उन समस्याओं के समाधान पर हम कुछ नहीं कर रहे होते हैं इसके लिए बहुत जरूरी है कि अगर आप अपने जीवन को एक नई दिशा और दशा देना चाहते हैं कामयाबी देना चाहते हैं तो उसके लिए बहुत जरूरी है कि आप जीवन की समस्याओं में उलझने से ज्यादा जरूरी है कि आप उसके समाधान के बारे में सोचिए और ध्यान रहे हमारे जीवन में कई सारी समस्याएं एक साथ चल रही होती हैं लेकिन उसके समाधान के लिए आपको एक ही स्तर पर ध्यान देना होगा अगर सारी समस्याओं पर एक साथ आप ध्यान देंगे तो हो सकता है कि आप किसी भी समस्या का समाधान ना कर पाए इसलिए बहुत जरूरी है एक समय केवल एक समस्या को देखिए उसके समाधान के लिए आपके पास जितनी उर्जा है जितनी क्षमता है उसको अपने सकारात्मक सोच के साथ दूर करने की कोशिश करिए जब एक समस्या समाधान हो जाए फिर दूसरे समस्या का समाधान करिए इस प्रकार जब आप समस्या का समाधान अपने जीवन में करेंगे तबीयत पाएंगे कि आपका मन उलझा हुआ नहीं रहता है और कहीं ना कहीं आपके जीवन की धीरे-धीरे सारी समस्या की समाप्ति हो जाती है लेकिन अगर आप अपने जीवन की सभी समस्याओं को एक साथ सॉल्व करने की कोशिश करेंगे एक साथ उनमें इंग्लिश होने की कोशिश करेंगे तो कहीं ना कहीं आपकी जो बहुत ही क्षमता है वह सिर्फ उलझन का शिकार होगी और इससे आप किसी भी समस्या का समाधान नहीं कर पाएंगे और कहीं ना कहीं हमेशा तनाव बना रहेगा इसी लिए मेरी शुभकामनाएं आपके लिए कि हमेशा जीवन को सिंपल से सिंपल बनाई है बहुत सारे अनावश्यक रूप से कंपलेक्स बनाने की बिल्कुल जरूरत नहीं है जिस दिन से आप कोशिश कर लेंगे अपने जीवन को सरल बनाने के अपने आप धीरे-धीरे सरल होता चला जाता है जो हमारा जीवन बहुत कॉन्प्लेक्स हो जाता है या जटिल हो जाता है उसके लिए कहीं ना कहीं हमारे विचार ही जिम्मेदार होते हैं जो हम अनावश्यक विचारों को अपने जीवन में स्थान देकर गए शायद हम अपने जीवन को बहुत जटिल बना लेते हैं तो कोशिश करना शुरू करिए कोई ना कोई रास्ता जरूर निकलता चला जाएगा मेरी शुभकामनाएं आपके साथ धन्यवाद
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अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें जैसे मन की झोल जाना है वह हमेशा बनी रहेगी उसका काम ही है खटपट को करना आप जो है मन की उलझन से दूर रहें साक्षी रहें और दृष्टा बंद करके रहे
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हेलो जय श्री राम संदीप एक योग शिक्षक आपका प्रश्न है अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें योग चित्त वृत्ति निरोधा योग करने से चित्र में होने वाले दोष का निवारण होता है अब योग करें आप मेडिटेशन करें आप ध्यान करें यह ऐसी चीजें बताई हुई है हमारे वेदों में हमारे पुराणों में श्रीराम ने किया उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने किया
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अपनी मन की उलझन दूर करने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने हाथ में पेपर और पहन लीजिए सबसे पहले जो आप की उलझन है उनको आप डिफाइन की थी लिखिए क्या की कौन-कौन सी उलझन है फिर एक-एक उस दिन के पीछे का कारण क्या क्या है वह आप लिखिए और फिर विचार कीजिए कि जो कारण आपने लिखे हैं यह कारण क्या रियलिटी में एक्सेप्ट करते हैं या यह कारण क्या इतने ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वह आपको उलझन में डालें अगर आप इतना भी लिखेंगे तो आपको आईडिया लग जाएगा कि इसमें से कौन सी ऐसी बातें हैं जो उलझाने वाली नहीं सिर्फ एक बहन है एक बोलते हैं ना कि दीवार है जो इमैजिनरी आपने खड़ी कर रखी है अपने आंखों के आगे तो जब आप ऐसा करते हैं तो काफी प्रॉब्लम तो है वह अपने आप ही सोलबर्ग सॉर्ट आउट हो जाती हैं यह देखिए यह धागों के बच्चों में से गुस्से खींच खींच करके निकाल धागे खींच के निकालने का तरीका है अब हरी धागे अगर खुलकर एक-एक करके देखेंगे तो ऐसी हो गाना बजाएं क्यों को मिक्स करके एक गुट एक साथ में देखने की तो आप जितनी भी अपनी उसने उनको पेपर पर लिखी उनके बारे में विचार कीजिए ऑटोमेटिक न्यूज़ काफी उस दिन है उसमें से खत्म हो जाएंगे
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नमस्कार आपका प्रशन है मन की उलझन को कैसे दूर करें देखकर मन की उलझन को दूर करने के लिए पहले आपके मन में क्या उज्जैन चल रही है उसके बारे में पूरा सोचना होगा और उसके बाद में उसे आप दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं उसके बारे में सोचना होगा यदि यह सब आप लिखित में करें तो आपको लाभ होगा क्योंकि लिखने से चीजें सामने आती हैं प्रकाश में आती हैं हुआ है कहीं ना कहीं उसका हाल भी हमें मिलता है धन्यवाद
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हरि ओम नमस्कार दोस्तों सभी वह कल ग्रुप के मेंबर को मेरा नमस्कार दोस्तों आपका प्रश्न है अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें हम अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहते हैं इस पर सोच विचार करते हैं इतना नकारात्मक सोच से कितना पीछे काश ऐसा होता तो आज ही थे आज यह नहीं देखना पड़ता खास पहले कर लिया होता तो आज ऐसा ना होता था उसकी बात मान लेता हूं जितना आप का शिकार पिछले तपे का शिकार पिछले साल खास का 2 साल पहले कर लिया होता तो तो सरिता पीछा सोचेंगे उतना हमारा भविष्य नकारात्मक बनता रहेगा हाउस में उलझन में फंसे रहेंगे काश काश के चक्कर में आप काश काश ना करो जो अभी वर्तमान में चल रहा है करो जितना अच्छा सोचोगे उतना आपको दुख मिलेगा और ज्यादा दुख मिलेगा फिर आप आगे का काम नहीं कर सकते आप आगे के काम में भीग जाओगे जो कल रात निकल गया उसे भूल जाऊं किसके साथ हमारा झगड़ा हुआ था किसके साथ हमारा लेना-देना हुआ था उसने मुझे ऐसा बोल दिया मैंने ऐसा बोल दिया था ऐसा हो गया छोड़कर जाओगे बस यह समझ कि आपका नया दिनचर्या आरंभ हो गया है आप इसी में ही अपना देखो सब की आदत होती है दोस्तों मेरी भी आदत थी पहले योगा करने से पहले मैं भी अब बहुत सोचता था खास में पहले कर लिया होता मैं इतना उलझन में फंस जाता था कि बाहर निकालना बहुत ही मुश्किल हुआ करता था मेरे को कैसे-कैसे करके तू से बाहर निकलना बहुत मुश्किल होता है जब मुझे होगा कि फिल्माया योगा ग्रुप वालों से मिला उनसे बातचीत के लिए प्राणायाम किया योगासन की स्थिति में नकारात्मक ऊर्जा नीति में कनेक्टिविटी है जो मैं सोचता रहता था वह दूर होती चली गई क्यों मिलता है सत्संग मिलता है योगा करने हमारी बॉडी फिट रहती है मन एकदम उत्साह से भरा रहता है आलस्य पन का मात्र जाता है तो सॉन्ग आधी युवा करें प्रणाम करें आप ही मेरी तरह अच्छी सोच रखें और आपको भी अच्छा करने का मौका मिलेगा इस उलझन से बाहर निकालने के लिए एक ही करीब चल रहा है उसमें संतोष रहो खुश रहो आनंद रहो पीछे जो गया सो गया लेकिन अपना आगे का देखो और इसे दूर को हटने के लिए भगवान की सेवा करो कर्म करो धर्म कार्य करो लोगों के अच्छे लोगों के बीच में रहो तो आपको मन में किसी प्रकार का उलझन नहीं पड़ेगा तो मैसेज दोस्तों के बीच में रहोगे जिसे आता नहीं पता नहीं तुमने उससे पूछना मैं विशेष कैसे करूं उसे ठेले पर का पता नहीं और घाटे में डाल दिया और डरा धमका दिया अच्छे लोगों के साथ रहो यह कैडर हो उनसे पूछ लूंगा तो हाजी क्या करना क्या करना है जो सुलझा हुआ व्यक्ति रहता है जो हर समाज में आगे रहता है उनसे पूछना चाहिए कुछ सीखना चाहिए बुजुर्गों के धोरे रहना चाहिए हमारे बुजुर्ग ताऊ जी दादाजी उनके दो रे गाना चाहिए उन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है तो उसको बहुत आती पर मोबाइल साइट रखकर के उनके दौरे पर बैठो 1 दिन 2 दिन 3 दिन 4 दिन आपको ऐसा ज्ञान मिलेगा सूचना विज्ञान आपको मोबाइल में नहीं मिलेगा आनंद में रहो व्यस्त रहो जय माता दी
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अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें उस दिन क्या है क्यों है किस बात पर आधारित है वह उसका काम जाने अपन को किसी के सामने रखें उसकी रहे हो जानू और इस उलझन को हल कैसे किया जा सकता है यह उपाय गाना खुद नहीं पता एक बुद्धिजीवी के माध्यम से अपने गुरुजन की मदद के विश्वासपात्र व्यक्ति के माता-पिता की स्थिति में रहेंगे जब अपनी बात सामने रख सकेंगे तो इंसान को पिजन मिला देते हैं उनकी 150 कोई दिन को दूर करते हैं
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बहुत ही अच्छा प्रश्न अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें यह बहुत ही सिंपल तरीका है अपने मन की उलझन को दूर करने का जब भी आप मन में कुछ सोचते हो और उस दिन आती है तो किसी से पूछ लीजिए अपने 1 को पूछेगा उसको पूछ लिया तो आपको कोई बात ना हो गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड भी हो उसे पिंपल दरी का ट्रस्टी बात बताइएगा
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आपका सवाल है कि आप अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें देखिए आपके मन में क्या उलझन है आया अपने स्पष्ट तौर पर नहीं बताया कि कहना मुश्किल है कि अब तक दूर कैसे करें लेकिन एक टिप मैं आपको दे सकती हूं यहां पर के यह उलझन किस से जुड़ी हुई है यह तो आपको पता होगी अगर किसी रिश्ते से जुड़ी है तो कोशिश कीजिए बातचीत करके सुलझाने की अगर आपको यह लगता है कि कोई अच्छी पार्ट आपको चाहिए तो किसी काउंसलर रिलेशनशिप काउंसलर से मिले अगर यह उलझन सेहत को लेकर हेल्थ को लेकर है तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स है जनरल फिजिशियन सन से मिले अगर योजन इन सबसे हटके किसी और चीज को लेकर है तो जिस भी एरिया में यह उलझन आपकी आती है मन की उलझन पूछना चाहते हो पहले आप यह पता करें कि क्या यह आपके आप किसी अपने टीचर या किसी कोई ज्ञानी या कोई ज्यादा अनुभवी मेंबर आपके या तो शामली के कोई व्यक्ति हो सकते हैं बाहर उनसे अगर आप बातचीत करोगे तो क्या यह सुलक सकती है तो कोशिश पहली चीज उनका क्लोज कीजिए और उनसे बातचीत कीजिए उनसे जी डिस्कस कीजिए अगर आपको लगता है कि इस डिस्कशन से नहीं सुना सकती और किसी एक्सपर्ट की जरूरत है इसमें तो वह जिस जिस भी क्षेत्र में आपकी योजना एक्सपोर्ट को ढूंढिए और फिर उनसे यह चीज शेयर करके इसका समाधान निकाल लिया धन्यवाद
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अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें सबसे पहला है कि आप मन की उलझन को दूर करने के लिए उस अगर बात को हटा सकते हैं दिमाग से तो हटाए 10 मिनट के लिए मेडिटेशन करें फ्रेश हो जाए अपने आप मन की उलझन ए कम होने लगेंगे और कोशिश करो उसका हल निकाले जिस चीज की उलझन है और आगरा हल नहीं निकलने वाला तो उसको माइंड से डिलीट करें
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अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें बहुत सारी समस्याएं ऐसी आती है हम डिसाइड नहीं कर पाते हैं कि हमें किस तरफ जाना है ऐसी संख्या कभी कभी जिंदगी में आ जाते हैं कमजोर है या चौराहे पर खड़े हो जाते हैं कि हम से नहीं कर सकते हैं कि हमें क्या करना चाहिए हमें इस समस्या से कैसे लिखना चाहिए रास्ते में मालूम होते हैं हम सब रात को कोसते हैं और यह जरूरी होता है क्या कोई समस्या से हम गिर गए हैं तो उससे निकलने के लिए सभी रास्तों का अभ्यास करें और सोचे समझे क्या करेंगे तो उसके क्या परिणाम होंगे और उस रास्ते जाएंगे तो क्या परिणाम होंगे इस तरह से शब्दों का अभ्यास करके और उसमें जो सही रास्ता हो उससे कम से कम नुकसानी हो कम से कम दुख हो और हम जल्दी से जल्दी समस्या से बाहर उसी रात को को चुनना चाहिए इस तरह से मन की उलझन हम दूर कर सकते हैं बाकी समस्याओं से कर खाली उलझे रहेंगे स्वामी की समस्याओं से घिरे रहेंगे और रंगाजी मानसिक आदत बिगड़ की टेंशन होगा फिर भाभी के प्रश्न आएगा लेकिन वह कोई समस्या का विचार नहीं है इसलिए समस्याओं का निकलने का मार्ग सोचना चाहिए और जो सही रास्ता उसके लेना चाहिए
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अपने मन की उलझन को दूर करने के लिए आपको अच्छे काम में व्यस्त हो जाना चाहिए और अच्छे काम में इतना बिजी हो जाए कि आपकी मन की उलझन को दूर हो जाएगा आप सिर्फ वही काम कर सोचेंगे जो काम करेंगे और जिस में बिजी रहेंगे
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अपने मन की उलझन दूर करने के लिए हमें अपने मन की गांठे किसी के सामने खोलना पड़ेगा तो मन की उलझन दूर हो जाएगी कृष्ण की दो परिस्थितियों के बीच में है उनमें से आपको एक का चयन करना है तो उसके लिए आप निश्चित रूप से विकल्प लिख दीजिए उनका विकल्प का चयन कर ली होती है इसलिए अपने मन की बात किसी समझदार व्यक्ति के सामने रखी है आपको दर्शन कितने के ऊपर आपको जो अच्छा लगे और मैसेज
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आपका प्रश्न है आप अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें बस अच्छा पोस्ट है कभी भी आपके मन मोचन हो और शांति आईटीआई पेपर ले एक पहले जो भी आपके मन में विचार आते जाते हैं उनको लिखते जाओ थोड़ी देर में आओगे कि जो आपके विचार अभी थे थोड़ी देर के बाद हुए वापस चेंज हो गए फिर देखो एक विचार ऐसे फालतू आए और है ऐसे ही होता विचार हो तो स्कूल जाना समझे आप बैठी है थोड़ी देर शांत से बढ़िया अपने मुल्क पर और लाचारी जवाब होना चाहता है विचार देखोगे तो विचार तो चाचा से यह आकाश में पंछी उड़ते हैं अभी-अभी उड़े पता नहीं कहां गए ऐसे विचार
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आपने पूछा है कि अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें आपको जब तक संसार की निरंतरता पता नहीं चलेगी अब उनसे ही रहेंगे आपको लगता ही रहेगा किचन में कुछ है ज्यादा पैसे कमाने के बाद आनंदित रहेंगे या सुंदर स्त्री के साथ उसे भोगने के बाद आनंदित रहेंगे या कर लेने के बाद आनंदित रहेंगे इसमें उसमें पद में प्रतिष्ठा में कुछ ना कुछ में आप काटकर लगा रहेगा लेकिन जब तक आप को निजी अर्थ था पता नहीं चलेगी की कितनी बीवियां भूख लो हाथ फिर भी खाली है कितना भी धन इकट्ठा कर लो जिंदगी यूं ही गुजर ही जाती है और आप किसी भी विचार के प्रति ईमानदार रहे निस्वार्थ रहे उसमें बहना जैसे कि आप किसी समुद्र के तट पर खड़ी हूं और लहरें आती है जाती है आती है जाती है ऐसे विचार हैं आपके मन में अब उनके साथ बह थोड़ा सी जाते हैं आप सिर्फ खड़े होकर देखते रहते हैं ऐसे ही आप अपने मन में साक्षी भाव प्रकट करें विचार आएं आप देखें जाएं आप देखें सिर्फ देखे उनमें बहना आपका मन शांत हो जाएगा अगर आप उन में बह जाते हैं तो अशांति उसी से आती हैं आप बिल्कुल सरल रहे बिल्कुल सरल शांति उलझा में नहीं बिल्कुल सरलता में आती है शांत रहें और लोगों को देखें और सुनें कुछ बोले नहीं बस
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दिखे तो सवाल है कि अपने मन की उलझन को कैसे दूर करें कि मन में जो उलझन होता है उसके मुख्य रूप से दो भुजाएं होती हैं भला तो होता है कॉन्फिडेंस की कमी भी होती है उसमें और दूसरा भविष्य की चिंता होती है जैसे मान लीजिए कोई लाइफ में ऐसा डिसीजन लेना है आगे बढ़ने के लिए तुरंत चेंज करते हैं तो उसमें से आप किसी भी विकल्प कोशिश कर सकते हैं क्योंकि आप को कॉल करना है आपको कोई काम करना है यदि आप उसमें अपना रुचि रखते हैं और करते हैं केवल करना है भले ही खराब हो या कुछ हो आपको उसे अच्छा बना देना तो बन ही जाएगा वह भी खराब था कैसे खराब नहीं कभी इसमें कॉन्फिडेंस की कमी आपके पास आत्मविश्वास है तो आप आगे बढ़ेंगे उसमें निपुणता के संयोजक लिए टेंशन होती है उसे थोड़ी उलझन लगाओ सही पैदा होता है यदि किसी रिश्ते को लेकर उलझन है तो लगाओ से पैदा होता है उसमें लगाव है आपको भविष्य की चिंता है उसमें रिलेशन में क्या होगा यह क्या होगा पहले उसे सोचना बंद कीजिए और सीधा अपने काम पर ध्यान दीजिए आपको विकल्प कैसा भी मिले उसे आपको अच्छा बना देना है कोई भी विकल्प कोई भी डिसीजन मेरे हिसाब से खराब नहीं होता उसे अपने से अच्छे में तब्दील करना होता है अपना कॉन्फिडेंस और अपने निपुणता के साथ जो कम होते हैं ब्रेड नीचे होते हैं उसके साथ गुजन है ही नहीं इसमें कुछ भी उलझन नहीं आप आसानी से बढ़ सकते हैं
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