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इसी अम्मा अगर विभिन्न पुराणों को देखे अगर हम विष्णु पुराण पढ़ते हैं तो उसने भगवान विष्णु को ही सर्वोच्च माना कि कुरान में जब हम जाते हैं पढ़ते हैं उसमें शिव जी को भगवान माना जाता है गणेश पुराण में पढ़ते हैं तो गणेश जी को महान माना जो सृष्टि की रचना है चेतना का जो आविर्भाव से तो उसमें भी दूध देवी देवता हैं अनेक रूप से सृष्टि की रचना है क्रियाएं हैं जो पालन पोषण है जो कुछ भी होता है होता है विकास उनके अंदर बहुत शैतान कुमार गुप्ता सृष्टि के संहार करता मानते हैं सब डिस्ट्रक्चरिंग डिस्टर्ब शब्द को विनाश करता है इसका जितने भी अब उन्हें भी पता है कि दुर्गा लगाएं तो उसको विनाश करके कुर्बानी करते हैं एक्सप्रेस में खिलाते सृष्टि की रचना है जब जब हम कुछ नया बनाना चाहते हैं तो पुरानी चीजों को हम को नष्ट कर देना नष्ट कर देते हैं पुरानी पुरानी चीजें जो है पूरा उसको हम नष्ट करते नहीं सकते शिवजी का काम है कि जितने हमारे अंदर की जो दुर्बल बताएं जो बताए जो बादलों की तरह उसका विनाश करते हैं नाश्ता करने का जो सामान चाहिए शिव जी के अंदर ऐसा उपलब्धि इस प्रकार की उपलब्धि हमारे खातिर पूर्वजों ने जो मनु ऋषि लोग चले जो छुपा सकता पर्सेंट लोग हैं उनको स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था कि हमको अगर डायनामिक बनना है कुछ नया बनाना पढ़ना है तो हमको वह शिवजी के तांडव चाहिए क्योंकि आपने बहुत शक्ति है कि वह सारे चित्र बताएं उसको वह विनाश करने का सामर्थ्य उस्ताद ताकि एक नया कुछ बन सके तो विकास की जो धारा है तो उस प्रगति की जो धारा है विकास के उपरांत उस विकास तब में विकास की धारा पुरातन को विनाश करके नूतन को पैदा करना कि जो गुणशिप जगह है और इन चाइना में पैदा करना प्रदान करना हमको एक मतलब शिक्षक क्रियात्मक देना यह शब्द जरूर प्रभाव है तो उसे हम को मिलता है तो शायद ही कारण हो सकता है जिसके लिए शिवजी महान माना जाता है देवों के देव और महादेव माना जाता है क्योंकि उनका सामर्थ्य है जो सब कुछ का विनाश करके एक नया एक नई सृष्टि की रचना में सहायक प्रत्यय और सारी जो अशुभ इशारे और शुभम का विनाश करने का सामर्थ्य भेजें भेजें ऐसा उपलब्धि इस प्रकार के बलात्कार को महान माना जाता है क्योंकि यह तो बहुत बड़ा कोई अशोक नहीं चाहता है तो अशोक से मुक्त हो तो शुभ या अशुभ मुक्ति पाने का अचूक उपाय है वह शिवजी की उपासना शिवजी तू पाषाण का मतलब यह है कि पर शिव भक्तों को प्रतिष्ठित को विकसित करना उसका मतलब शुभ ही शुभ दाता अपने अंदर प्रकाश ही प्रकाश भर दे देंगे आप प्रकाश की ओर ले जाते हैं एक कारण है दूसरा कारण है जो पशुपति भी कहा जाता है पशुपति का मतलब है ऐसा नहीं है कि उसका पति पर हमारी जो मांगना है मानव क्षेत्र में जो भी ग्रुप है उन सभी प्रवृत्तियों पर शिवजी का ही नियंत्रण हेतु का जो रूपांतरित करके हमको वीर मार्ग पर उड़ते हुए मार्ग पर ले जाते हैं शिव को प्रतिष्ठित करने का अपने अंदर इसका अर्थ यह है कि हम 5:30 सभी प्रवृत्तियों के ऊपर अपना नियंत्रण लाते हैं और इन पशुओं का दमन कर के हम वीर बनते हैं और वीर भाग से प्रथम द्वितीय व यह जो जर्नी है पशु भाग से वीर बाल वीर भाग से खेल एक दिव्य भाग में जाकर स्थित होना स्थित होना और उसके प्रभाव से अपने जीवन का संचालन करना उसमें प्रारंभ जो है उन शिवजी से होता है इसलिए उनको पशुपति कहा जाता है तो यह कारण है कुछ कारण अनेक कारण अनेक लोग अपने विचार से प्रदान कर सकते हैं मैंने यहां पर कुछ कारण रखा है जिनके लिए शिवजी को महादेव माना जाता है
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