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वर्तमान में भगवान को नहीं वर्तमान में जीवन का उद्देश्य बनते जा रहा है अपनी भौतिक सुख-सुविधाओं की पूर्ति करना एक दौर था जब वह जो है योगा ऋषि मुनि तपस्या करके भगवान की प्राप्ति करते थे वर्तमान दौर में एक व्यक्ति की औसतन आयु आज जो है उनके रहन-सहन उनकी उनके यह जीवन शैली पर ही निर्भर करती है ऐसे में भगवान को पाना जीवन का लक्ष्य जी आप सब मानते हैं समझते हैं तो घर में ही नारायण की सेवा जो है महसूस करनी होगी आपको प्रयास करना होगा कि आसपास के जो आप के लोग होते हैं तो गरीब तबके के लोग हैं क्या आप उनकी सही से हटा कर पा रहे हैं क्योंकि हर एक व्यक्ति में भगवान का वास होता है यदि इस आप इस बात को समझ सकते हैं तो वाकई में आप जो है भगवान को पा लेंगे और आपका जीवन सार्थक होगी हमारे आसपास हम सबके अंदर एक हद है देवी सकती है उसे जागृत करने की आवश्यकता है हमें सकारात्मक की आवश्यकता है तो अपने आसपास में जो लोग हैं उन्हें आप भगवान मानकर उनकी सेवा करते माता-पिता का सेवा करें यही मानव जीवन की सर्वोत्तम सेवा होगी धन्यवाद
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