चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
आदित्य भारत में अतिथि देवो भव को तो बहुत मारा जाता है भगवान को भगवान स्वरूप माना जाता है लेकिन उत्तराखंड के चीफ मिनिस्टर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ ज्यादा ही सीरियस ले लिया इस बात को 22 जनवरी को उन्होंने शपथ ली थी 10 महीने पहले रावत वहां के CM बने थे और अब नैनीताल के एक एक्टिविस्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट ने एक आरटीआई डाली और उन्होंने पूछा कि जब से CM ने पद संभाला है तबसे उन्होंने और चाय नाश्ते पर कितने रुपए खर्च किए तो इसके जवाब में रिप्लाई आया के चीफ मिनिस्टर ने जून 18 मार्च को लास्ट ईयर यह पद संभाला था उन्होंने अब तक 60 834001 ₹5 खर्च किए स्नैक्स पर रिफ्रेशमेंट पर जो कि एक बहुत बड़ी अमाउंट है लेकिन 10 महीनों में करीबन 800009 लाख रुपीस खटकाना को भी चाय नाश्ते पर इतने लाख रूपय में तो बहुत सारे काम के रह सकते थे उस स्कूल खुल सकता था शौचालय बनाए जा सकते थे गरीबों के लिए कुछ कर सकता था रोजगार क्रिएट के आ सकता है कोई बड़ी बिल्डिंग बना सकते थे कोई हॉस्पिटल अगर पूरा नहीं पता तो कुछ तो उसमें कोआर्डिनेशन हो सकता था और इतने रुपए नाश्ते पर खर्च कर देना यह मुझे बहुत ही बेवकूफी वाला काम लगाया और मतलब वह पढ़े लिखी है उन्हें समझना चाहिए कि कितने रुपए खर्च करना यह बहुत बेवकूफी वाली बात है कौन गेस्ट आए होंगे दूसरी सीट कैसी है हम तो उन वह कितने नाश्ता वह खा गए कि 7000000 करीबन ऊपर खर्च हो गए बहुत ही गलत चीज है मैं बिल्कुल शिव को सपोर्ट नहीं करती हूं और इसे बंद होनी चाहिए एक प्रॉपर बजट देना चाहिए उससे ₹1 फालतू नहीं मिलना चाहिए ऐसी जो के ऊपर
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जी मेरी सबसे यह मुख्यमंत्री जी अगर हमारे किसी भी मेहमान के लिए स्नैक्स पर वह भी पटाखों लाडली इतनी ज्यादा पैसे खर्च करें तो यह कितना सही होगा जो कि गवर्नमेंट जॉब फंड है हमें अगर यह चीज़ कहीं और यूज करते तो वह ज्यादा अच्छा होता हमारा देश अपनी हॉस्पिटैलिटी के लिए अच्छा माना जाता वह मैं समझती हूं लेकिन उसे हम अपने तरीके से करें तो ज्यादा बेहतर है पहले दिन कि हम दूसरे की चीज है डॉक्टर क्यों नहीं करें और इतने पैसे इन्वेस्ट करके करें उन्हें भी हमारे देश का कल्चर नहीं समझ में आएगा नहीं वह हमारे स्नैक्स हमारे देश को कोई भी बेनिफिट देने वाले हैं तो यह बेहतर होगा कि हम चीजों को अपने तरीके और अपने ढंग से करें और जितने का रिजल्ट कल भी मैं कर सकती हूं इतनी डिसेबल में में करें चाहे वह हमारे किसी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री हो चाहे वह एक आम आदमी हूं यह दोनों पर लागू होता है तुम मेरी सबसे मुख्यमंत्री जी का मेहमानों की स्थिति पर निर्भर खर्च करना भी सरकारी फंड से सही नहीं था अगर यह पैसे वह कुछ और जगह यूज करते तो मेरे हिसाब से तो ज्यादा बेहतर होता तो और ज्यादा बेनिफिट होता है इससे पब्लिक को और उन्हें खोजें
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी के मेहमानों की मेहमान नवाजी में उत्तराखंड की सरकार ने बीते 11 महीनों में 6800000 रुपए से ज्यादा पैसे खर्च कर दिए मेरे मुताबिक इस तरह का फिजूल खर्च करना किसी भी सरकार के लिए उचित नहीं है और इसे कोई भी उचित नहीं ठहरा सकता क्योंकि जिस देश में चंद पैसों की किल्लत की वजह से लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं किसान आत्महत्या कर रहे हैं वहां पर इस तरह के समाचार सामने आते हैं तो यह काफी दुखदाई महसूस होता है एक आरटीआई एक्टिविस्ट की जानकारी मांगने पर यह पता चला कि उत्तराखंड की सरकार ने मेहमानों की आवभगत करने में ₹68 से ज्यादा पैसे खर्च कर दिए तो मेरे मुताबिक सरकार को और हमारे जो न्यायपालिका है उसे इस विषय में गंभीर होने की आवश्यकता है कि जो टैक्सपेयर हैं हमारे देश के जो जनता टैक्स देती है उनके पैसों का इस तरह से गलत इस्तेमाल ना किया जाए और जो पैसे सरकार के फंड में आते हैं उसे डेवलपमेंट के काम में लगाया जाए ताकि लोगों का कुछ भला हो पाए आज हमारे देश में महंगाई इतनी बढ़ गई है जिससे लोग तरस हो रहे हैं और जो हमारी सरकारें हैं वह इस तरह की फिजूल खर्च में लगी है तो सरकार को गंभीर होने की आवश्यकता है और लोगों को भी थोड़ी जागरुक बनने की आवश्यकता है कि वह इन इस तरह के लोगों को फिर आगे चलकर चुनाव में वोट ना करें ताकि उनके पैसे बर्बाद ना हो और सरकार ने काफी वादे किए थे कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो लोगों के डेवलपमेंट के लिए काम करेंगे लेकिन जब उन्हें पावर मिल गई है तो वह इस तरह से फिजूल खर्च कर रहे हैं और जनता के पैसे बर्बाद कर रहे हैं तो इस तरह से इन सारी चीजों को रोकना चाहिए तथा जो पैसे खर्च किए जा रहे हैं उसे डेवलपमेंट पर लगाना चाहिए
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