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मेरी सबसे दो करोड़ शौचालय काफी रहेंगे क्योंकि पहले से ही चार्ज करी मंच एक करोड़ शौचालय है ऑलरेडी इंपॉर्टेंट पॉइंट लिए इस्तेमाल करना है यह देखा गया है कि शौचालय बना रही है पर उत्तर ऐसे भी आज का कई लोग बाकी है जो कभी भी बहुत ज्यादा जरूरी है कि शौचालय का इस्तेमाल कितना ज्यादा जरूरी है हाइजीन और यहां तक कि एक साफ-सुथरे का देश के लिए इतना काफी ज्यादा जरूरी है जो कि अभी तक नहीं किया गया है तो मेरे सबसे दो करोड़ शौचालय तो काफी ही रहेगी
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जीनी को ऐसा लगता है कि यह जो एक चेक कराया गया है कि 2 साल में दो करोड़ शौचालय बनेंगे इसका दो करोड़ और शौचालयों का निर्माण होने की कोई योजना है कि एक बहुत ही बेहतरीन कदम उठाया गया है हां यह मैं नहीं कहूंगी कि पहले से केवल जो पहले हैं भारत में शौचालय में सिर्फ एक करोड़ शौचालय हैं और भारत की आबादी के हिसाब से यह बहुत ही कम है कि अगर हम दो करोड़ हो साले अभी बना देते हैं तो मेरे हिसाब से ही काफी नहीं आई थोड़ा कम है पर लेकिन हां यह शुरुआत करने के लिए बहुत ही बेहतरीन स्टेप है
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देखिये, मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी को कोई भी हो जतिविद राजनीति उसको नहीं मानूंगा l उसका कारण यह है कि जो हमारे ,समाज के अंदर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति की जो स्थिति है वह फाइनेंसियल स्टेटस उनका अपना अच्छा नहीं है l तो अगर सरकार ने 50000 करोड़ और 39 हजार करोड़ अगर रुपए देने की बात कही है एससी-एसएसटी के अपलिफ्टमेंट के लिए, पॉलिसीस बनाने की बात की तो मुझे लगता है बहुत अच्छी बात हैl इससे यह होगा कि उनका जो सामाजिक स्तर है उसमें सुधार आएगा और वह भी एक मेनस्ट्रीम में आ सकते हैं l तो मुझे लगता है कि इसमें राज जातिगत मुझे इसको नहीं देखना चाहिए क्योंकि सरकार का लास्ट बजट भी है यह और सरकार पुरे दम लगा रही है क्योंकि उनको मालूम है कि जो अनुसूचित जाति के लोग हैं उनका उत्थान भी जरूरी है और एक वोट बैंक भी है, इसमें भी कोई गलत बात नहीं है l तो अगर सरकार ने इस तरह का कार्य किया है कि 56000 करोड रुपए-39 हजार करोड़ पर उनके अपलिफ्टमेंट के लिए दिया है तो मुझे लगता है बहुत सही डिसीजन है सरकार को करना भी चाहिए ताकि वह लोग मेनस्ट्रीम में लाई जा सके और l
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देखिए, जो स्वयं मोदी सरकार का जो स्वच्छ इंडिया, स्वच्छ भारत कैंपियन है उसमें से जो अभी वहां फिरसे हम लोग का बजट हुआ उसमें से मोदी और अरुण जेटली जी बोले 2 साल में दो करोड़ शौचालय का निर्माण करने का योजना है, वह एक्चुअली बहुत ही अच्छी इनिसिअतिव है भारत में बहुत सारे छोटे-छोटे गांव हैं, छोटे-छोटे गांव है जिनके पास शौचालय नहीं है वह बाहर जाते शौच करने के लिए l बहुत सारी बीमारियां होती रहता है, तो वह बहुत सारे लोग भी मारते बीमारी से l तो अभी यह जो गवर्नमेंट, सरकार का हमारा जो इनिसिएट है अभी तक मैं स्वच्छ भारत के अनुसार, स्वच्छ भारत कैम्पेन के अनुसार हमारे भारत में पूरे जो मोदी सरकार ने 3 करोड़ टॉयलेट बिल्ड के कर चुके हैं ऑलरेडी 3 साल में अगर आप देखेंगे 3-4 साल में तो 2015 से 2018 के बाद 3 साल में तीन करोड़ टॉयलेट अभी तक बन चुका है स्वच्छ भारत अभियान के अनुसार l अभी और 2 साल में दो कर दो करोड़ का शौचालय बना रहे हैं l बहुत ही अच्छा इनिसिअतिव है और यह बहुत ही जरूरी है l और यह का मुझे नहीं लगता कि यह बहुत खास काफी है, गवर्नमेंट को और कुछ लोग जो छोटे-छोटे और भी बहुत सारे गांव में दो करोड़ से ज्यादा ज्यादा लोगों के पास भी तो उस शौचालय नहीं है l तो यह धीरे-धीरे होगा मगर यह काफी नहीं है मगर यह गवर्नमेंट का एक अच्छा इनिसिअतिव पर इसमें तो टाइम लगेगा और यह हम लोगों को भी जागृत होना रहेगा और यह जो बड़े-बड़े शहरों में लोग रहते हैं उनको उनके जो छोटे छोटे लोगों को तो लोग शहर के लोगों को एजुकेट करना पड़ेगा, जो गांव जो छोटे-छोटे शहर में थोड़ा तेजी कुछ लोग हैं उन लोगों को छोटे छोटे छोटे जो जो पढ़े-लिखे नहीं होते उन लोग को एजुकेट करना पड़ेगा l बाहर मत जाओ शौच करने के लिए, घर में शौचालय बनाओ यह सब काम हम लोग को भी करना पड़े वह करेगा सिर्फ सरकार करने का करने के लिए भी काफी नहीं है l
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देखिये, बिल्कुल काफी नहीं है हमारे देश की आबादी 121 करोड़ से बहुत-बहुत ज्यादा है और करीब 21 करोड़ अगर पूरे सौ करोड़ की बात ना करके गर्म 21 करोड़ लोगों की बात करें तो 21 करोड़ लोग ऐसे होंगे जिनके पास आज के समय में भी शौचालय की फैसिलिटी उपलब्ध नहीं है l और मोदी सरकार का मोटिव भी यह था ना कि वह सफाई करेंगे, बंद दरवाजे के पीछे शौच जाएंगे तो उसके बाद सिर्फ दो करोड़ शौचालय शौचालय वह भी 2 साल में l शौचालय बनाने के लिए कुछ ज्यादा करना नहीं पड़ता है सिर्फ थोड़ा सा कमरा होता है एक टॉयलेट सीट होती है और और दरवाजा होता है, आय गेस इससे से ज्यादा तो कुछ नहीं होता उसमें क्या इतना टाइम लग जाएगा l तो मुझे लगता है कि यह काफी नहीं है बिल्कुल भी नहीं है l 2 साल काफी लंबा टाइम स्पेन होता है और दो करोड़ शौचालय दो करोड़-कमरे बनाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है l अगर आप एक शौचालय पर दो-दो लेबर पर लगाएंगे अभी 2 दिन में काम कंप्लीट हो जाएगा l इतना ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता क्योंकिl तो इससे ज्यादा कर सकते थे जो उनकी जो मोटिव था कि मतलब सफ़ाई होगी, गंदगी नहीं होगी , सेहतमंद होगा, बीमारियां नहीं फैलेगी वह मुझे लगता है कि दो करोड़ शौचालय से वह चीज अचीव की जा सकेगी, इससे ज्यादा करने की बहुत जरूरत है l
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लिखे जो सरकार ने योजना बनाई है कि 2 साल में वह दो करोड़ शौचालयों का निर्माण करेगी तो मेरे हिसाब से हमको यह नहीं देखना चाहिए कि यह काफी है कि नहीं है बल्कि हमें इसका एक पॉजिटिव साइड देखना चाहिए कि इतने सालों में सरकार ने कितना काम किया है तो अगर वह शौचालय बनाने की काम को अंजाम देना चाह रही है और कुछ प्रयास कर रही है उसकी उसके लिए तुम हमें उस को बढ़ावा देना चाहिए और जैसा कि आप कह रहे हैं कि पहले से छह करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं और उनका प्रयोग भी किया जा रहा है तो मेरे हिसाब से सरकार को शौचालय बना कर देना जो काम है वह अपने हिसाब से करेंगे और जैसा आप उनको उचित लगेगा वह उस हिसाब से उस काम को करेंगे लेकिन मैं सबसे पहला काम तो हमेशा नागरिक को करना सोचना चाहिए कि जो गरीब लोग हैं जिनको इस चीज के बारे में नॉलेज नहीं है और क्यों उनको शौचालय यूज करने चाहिए बल्कि एक खुले में शौच नहीं करना चाहिए तो हमें उन लोगों को इस तरह से अवेरनेस क्रिएट करनी चाहिए उनके माइंड में ऐसा करना चाहिए वरना उनको बहुत सारे हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं और सरकार इसके लिए भी काफी प्रयास कर रही है अलग-अलग जगह पर अलग-अलग गांव में इस तरह की काफी ड्राइव चलाई जा रही है जहां पर लोग जा के लोगों आम लोगों को प्रेरित कर रहे हैं कि उनको शौचालय का प्रयोग करना चाहिए और सरकार ने उनको शौचालय बनाकर भेजी हैं काफी हद तक तो हमें हर चीज का पॉजिटिव साइड देखना चाहिए क्या करूं 2 साल में दो करोड़ बनाकर शौचालय दे रही है सरकार तो अच्छी बात है और आगे चलकर सरकार और भी करेगी तो इस पर यह ना सोच कर कि वह काफी है कि नहीं है उसके पॉजिटिव सेट पर ध्यान देना चाहिए तो शायद हमारे देश और तरक्की कर पाएगा और हमारी जो सोच है वह भी अच्छा समझ पाएगी और हर चीज के पॉजिटिव साइट को पकड़ेगी
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