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ऐसा नहीं है भाई जी हम सरदार भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों को नहीं खोल रहे और ऐसा हो भी नहीं सकता क्योंकि करोड़ों करोड़ लोग सरदार भगत सिंह और उनके जैसे क्रांतिकारियों को अपना आदर्श मानते हैं मैं भी उन्हीं में से एक हूं भारत माता के लालों को भी रोको हमें आजाद कराने वाले हमारे पूर्वजों का हम नहीं भूल सकते
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बिल्कुल मुझे लगता है हम सरदार भगत सिंह चंद्रशेखर सुखदेव राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों को भूलते जा रहे हैं केवल का नाम किताबों में रह गया लेकिन जब हम कोई आप देखिए कि सरकार द्वारा कोई योजना बनाई जाती है तो हमेशा आप दिखेंगी मदन मोहन मालवीय जी का नाम लिखा जाता है महात्मा गांधी जी का नाम आता भीमराव अंबेडकर जी का नाम आता है इन लोगों का नाम नहीं आता थोड़ा दुख की बात है मैं नहीं करूंगा बाकी सब कोटेशन बहुत ज्यादा रहा है या उनको कोटेशन कुछ काम है ऐसा कुछ नहीं है कौन टिम से सबका बराबर है हर उस व्यक्ति का बराबर जिसका नाम कि आप नहीं जानते हैं हर व्यक्ति ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है तो मुझे लगता है सरदार भगत सिंह जी और बाकी सारी उनके सुखदेव राजगुरु जो लोग थे उस वक्त फांसी पर चढ़े इतनी जवानी में इतनी कम उम्र में जो फांसी पर चढ़े जिस उम्र में आपकी ग्रेजुएशन कंप्लीट हो पाती है उनकी खास बात यह है कि जैसे महात्मा गांधीजी ने अहिंसा के रास्ते से हमें अंग्रेजों से आज मिलने की कोशिश की कि उन लोगों ने भी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया उन्होंने भी छोड़ प्रिंट अपनाया जिसमें जब भगत सिंह ने असेंबली में फेंका था तो उन्होंने कहा था कि मेरा उद्देश्य किसी को मारना नहीं था मेरा उद्देश्य केवल बहरों को सुनाना था और मुझे लगता है कि यह मैसेज अंग्रेजों के कान में अच्छी तरह जरूर बुझा होगा जब फांसी दी गई तो बहुत ज्यादा विरोध किया किस चीज का उन्होंने पूरे देश में क्रांति ला दी और मुझे लगता है कि हमें ऐसे लोगों को नमन करना चाहिए सरकार को थोड़ा ध्यान देना चाहिए चीज के लिए थैंक यू
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जी हां आज की जनरेशन हमारे महान क्रांतिकारियों को बोलती जा रही है हमारे चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु राम प्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला खान सभी जिन्होंने अपना लहू दिया है वतन के वास्ते तो दो पंक्ति कहना चाहूंगा वतन वालो वतन ना बेच देना ये धरती ये चमन ना बेच देना शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते शहीदों के कफन ना बेच देना जय हिंद भारत माता की जय
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बिल्कुल बिल्कुल हम भूलते जा रहे हैं हम सबको गांधीजी का बर्थडे याद रहता है पर बहुत कम लोग होते हैं जो जन शेखर आजाद और भगत सिंह का बर्थडे मनाते हैं हम सब को एक साथ मिलकर के ऐसा करना चाहिए कि हम लोग भगत सिंह का हमारे जो गरम दल के नेता वगैरह तेज गायक चंद शेखर आजाद इन इन सबका में पुरुष आज भी हमारे लिए जिंदा है तुम तो पूरा पूरा सपोर्ट करिए 2 अक्टूबर इतना बड़ा दिन नहीं है हमारे लिए जितना बड़ा दिन हमारे उन नेताओं के लिए जिन्होंने अपनी जान दे दी हमारे देश को आजाद कराने के लिए प्लीज सपोर्ट मी एंड सपोर्ट भगत सिंह शेखर आजाद
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आपका सवाल है कि हम सरदार भगत जी जैसे महान क्रांतिकारी को क्यों बोलते जा रहे हैं तो देखिए ऐसा नहीं है आज भी हमारे महान क्रांतिकारी भगत सिंह का नाम लिया जाता है उनका जन्म दिवस तो नहीं मनाया जाता लेकिन उनकी जीवनी मैंने पढ़ा है उनका विचार एक गर्म खून का था उन्होंने अपने बलबूते भारत को आजाद दिलाने के लिए जाना था लेकिन कुछ कारणों की वजह से उनकी जेल हो गई और अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर लटका दिया था जिससे हमारे देश में प्रदर्शन बड़े और सत्य का पता चला और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन चल रहे और तीव्र हो गई और बहुत जल्द ही आजादी मिल गई है किधर चल रहा है
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देश के सभी नेताओं को भूलते जा रहे हैं जो कि पुराने हमारे अधिकारी नेता थे अगर हम जैसों से नहीं करेंगे तो कौन करेगा और तुम लोग बिजनेस पर ज्यादा ध्यान दे रही जयपुर में देहाती मरते दम विशाल देश की रक्षा करना हमारा देश के प्रति समर्पित होना चाहिए
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हम सरदार भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारियों को भूलना नहीं चाहते हैं परंतु यह हमारी राजनीति में इनको कम दर्जा दिया गया है इनके बारे में उतना विशेष कुछ बताया नहीं जा रहा है
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हम सरदार भगत सिंह और अन्य महान क्रांतिकारियों के भूलते जा रहे हैं अधिकारियों को सभी भूलते जा रहे हैं इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण है वह हमारा अपंगता क्योंकि हम एक छोटी सी दुनिया में सिमट तेजा रहे हैं अपने आप से मतलब रखना है और एग्जांपल अगर हमारे सामने कचरा गिरा हुआ है फोन उठाकर 10 दिन में रखने की बजाय थोड़ा और हम भी चिप्स कुरकुरे पानी के बोतल हाथी पर इधर-उधर फेंक देते हैं और दूसरी बात है कि लोग कितने सेल्सियस होते जा रहे हैं लोगों को सामाजिक संस्कृति और अन्य से कोई मतलब ही नहीं है और लोग एक छोटे से डिब्बे मोबाइल पर एक होते जा रहे हैं जिससे उनका कोई अपना माने मतलब नहीं है क्योंकि एक सामान्य व्यक्ति का फेसबुक व्हाट्सएप पर 1000 रन हो सकता है चैटिंग करेगा वीडियो देखेगा दरबार लेकिन उससे बात नहीं करता चर्चा नहीं करता तो उसको महान क्रांतिकारी और अन्य महान पुरुषों के बारे में कोई जानकारी जा रहे हैं अगर हम ही नहीं जाएंगे तो हम आ जाएंगे तो हम अपने बच्चों को क्या बताएंगे कि सरदार भगत सरदार भगत सिंह कौन थे सुभाष चंद्र बोस कौन थे महात्मा गांधी कौन थे
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नहीं
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यह बात तो फिर आपने सही कही थी और भाग सरदार भगत सिंह का मतलब कुछ लोगों को
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देखो मैं बिल्कुल सही कहा हम ऐसे महान क्रांतिकारी जैसे कि भगत सिंह और और नगर सुभाष चंद्र बोस और ऐसे सभी जो महान क्रांतिकारियों ने भूलते जा रहे हैं इसके पीछे का रीजन यह है कि जो एक क्रांतिकारी है जो इन जिन्होंने हमें आजादी दिलवाई हमारे देश को एक पहचान नहीं इनके नाम आप बस छुट्टियों के नाम पर आते हैं यानी कि किसी दिन छुट्टी है तो हमें यह बताओ कपास की किस दिन छुट्टी हुई पर उन्होंने क्या किया तब उनकी याद हमारे लिए सब छुट्टियां बनकर रह गई है और श्री कृष्ण नहीं हुई है कि आज के बच्चों को जो आज की हम जनरेशन है वह नहीं किताबों में भी अब हम ही पढ़ते हैं ज्यादा नहीं इतना हिंदी बारे में पढ़ा जाता और अगर पढ़ाया जाता है तो फिर को पढ़ाने के ऊपर सही होता है इन्होंने जो सच में हमारे देश के लिए किया जो इनकी जो इंपॉर्टेंस हमारे हिस्ट्री में वह उतनी सिग्निफिकेंट नहीं बताई जाती जो कि बहुत गलत चीज है इन लोगों की वजह से आज हम एक देश में है अच्छे देश में रह रहे हैं तो इनको याद रखना तो बहुत जरूरी है हमारे लिए
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PK कोई भी जो है सरदार भगत सिंह को बिल्कुल भी नहीं बोला है अगर कोई उनका नाम आ जाएगा नहीं लेता इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों को भूल गए हैं वह हर भारतीय के मन में और दिल में उनके लिए जो प्यार की भावना है और आदर की भावना रिश्ता की भावना वह हमेशा रहेगी और उनकी कुर्बानियों को कभी भी नहीं बोला है कि उनका थोड़ा कम हो गया है जिस को बढ़ावा दिया जा सकता है लेकिन हां वह हर एक बम भारतीय को याद है क्योंकि उन्होंने इतना बड़ा बलिदान दिया था अपनी देश की आजादी के लिए
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