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यह बहुत ही मूर्खता भरा कदम है जो सीटीसी ने अगर ऐसा कहा है कि इंजीनियरिंग के तहत जो वेद पुराण और योग का अध्ययन करें क्योंकि वेद पुराणों और योग में से कोई भी चीज जो है वह साइंस नहीं है और साइंटिफिक चीज़ों को ही जो है वह इंजीनियर कोर्सेस में स्टडी करना चाहिए l और इस तरीके की जो साहित्य है जो कि ज्यादा से ज्यादा हम उसको स्प्रिचुअल कर सकते हैं, रिलीजियस चीजें कर सकता है इसका इंजीनियरिंग क्लास्सेस में किसी भी तरीके से इंट्रोडक्शन नहीं होना चाहिए और मैं समझता हूं कि बहुत ही गलत कदम है अगर ऐसा सीटीसी उठाया नहीं जा रही है तो l
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आपका प्रश्न है एआईसीटीई ने कहा है कि इंजीनियरिंग के छात्र नए पाठ्यक्रम के तहत वेद पुराण और योग का अध्ययन करेंगे इंजीनियरिंग में इसकी आवश्यकता क्यों है श्रीमान जी आईसीटी ने जो इंजीनियरिंग में वेद पुराण और योग को शामिल होने की बात कही है तो वेद और पुराण और योग यह कोई साधारण चीजें नहीं है अगर आप इंजीनियरिंग की ही दृष्टि से देखेंगे तो रामायण के समय में जो पुष्पक विमान था जो बिना किसी इनन के उड़ सकता था वह चीजें वेद और पुराण के माध्यम से आपको जानने को मिल सकती हैं शायद ऐसा मेरा मत है और विज्ञान हमारा अभी तक नहीं पहुंच पाया है जहां हमारे पूर्वज वेद और पुराण के अध्ययन करके जहां तक पहुंच चुके थे जितनी अगर आपने देखा हो पुराने युद्ध हुए हैं अगर आपने पढ़ा है तो जितने भी युद्ध हुए हैं तो ऐसे ऐसे तीन और ऐसे ऐसे हथियार थे जो शब्द सुनकर ही जा सकते थे आवाज सुनकर ही वहां तक पहुंच सकते थे जो आज हमारे विज्ञान में मसालों का रूप लिया है तो इस तरह से बहुत सारे ऐसे गूढ़ रहस्य वेद और पुराणों में छुपे हुए हैं उनके अध्ययन से शायद हम लोग कहीं शिखर पर पहुंच सकते हैं तो यह एक अच्छा निर्णय लिया है या ec3a और जहां तक योग विषय का प्रश्न है तो श्रीमान जी योग्य है आज दोनों के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान में अपने आप को मजबूती से स्थापित कर चुका है दूसरा आज मनुष्य भले ही कितनी तरक्की करनी हो इतना ही भौतिक जगत में जी रहा हो लेकिन वह कहीं ना कहीं तनाव का कहीं ना कहीं अवसाद का शिकार है और अक्सर पेपर में पढ़ने को मिल जाता है कि बहुत सारे अधिकारी बहुत बड़े बिजनेसमैन उन्होंने आत्महत्या कर ली तो यह अवसाद के कारण ही होता है और इन सब का इलाज सिर्फ योग में ही है अगर कोई प्रतिदिन आप योगाभ्यास करते हैं तो आपका मन शांत रहता है मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है और अब 7:00 से बसते हैं डिप्रेशन से बसते हैं धन्यवाद
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अजीत इंजीनियरिंग में वेद पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन किस लिए लाभकारी है कि जिस तकनीक का लाभ हम लोग ले रहे हैं आज इस तकनीक को हम लोग अभी सामने देख रहे हैं उससे कई गुना विस्तृत तकनीक का पुराने जमाने में थी अभी तो अच्छा खासा रिसर्च हो रहा है जो वैदिक मैथमेटिक्स का जिसमें कई सारे वैसे गौतम जी हो रही है मैथ के भेद और उसके बारे में चर्चा की गई है और इसके अलावा आज भी हम नॉर्मल रूप में देखें तो खास करके अपना क्या बोलते हैं एयरोनॉटिक्स इंजरिंग जो हमारी थी वह जबरदस्त थी आप सोचिए कि अभी हम लोग वॉइस कमांड के बारे में सोचते हैं उसके चर्चा करते हैं और इतने प्राचीन समय में पुष्पक विमान वॉइस कमांड पर चलता था आदेश मिला कि हैप्पी मानना प्रकट हो जाएं आप आ जाएगी वहां चले आते थे आदेश दिया गया कि अभिमान आप विस्तार लेले आप निश्चित हो जाए यानि कि उसकी और वह विमान सिर्फ वॉइस कमांड सिर्फ कहने मात्र अपना भी अपना आकार बड़ा देता था अब सोचिए कि आज के डेट में नार्मल हेलीकॉप्टर का एरोप्लेन का हवा में काफी देर तक टिके रहना मुश्किल हो पाता है पर जो पुष्पक विमान था वह काफी देर तक एक ही स्थान पर खड़े रह सकता था इतना ही नहीं उसने कई सारे स्टोरीज से कई सारे तन कई सारे 6782 मल्टीस्टोरी एरोप्लेन तो आज तक कहीं भी नहीं है कि पहले था ऐसा उस पर सर्च करने के लिए वहीं दूसरी ओर देखें तो अभी आज हैं जो भारत के सारे कौरवों का जन्म हुआ था दुर्योधन सहित उन सारे कौरवों का जन्म में मां के गर्भ से केवल नहीं हुआ था बल्कि उससे जून के टुकड़े को 100 भागों में विभक्त कर के मटके में रखा गया था और यज्ञ कुंड पर यह उनका मत था यहां पर था कि एक शर्ट एंड टेंपरेचर के मतलब एक कंट्रोल कंडीशन रखा गया था और उसे सारे गौरव पैदा हुए थे वहीं रावन अपने आप में पूर्ण ज्ञान एक था उसने भी जो खाया था कि कई लाख उसके उसके पीछे कारण हुआ पीपल के बरगद के पेड़ के नीचे समुद्र के धागे का यूज़ करते हुए और कुछ किया था मतलब पहले कभी ज्ञानाचे बहुत फास्ट था बहुत मस्त था आज हम लोग जब एम एम एस की बात करते हैं तो लोग यह लेकिन आप सोचिए कि कालिदास निस का चित्रण किया था जब बस्तर भुजा के पर्वत को पर बैठा हुआ वह अपने प्रेमिका के लिए नेपाल में के माध्यम से और वह चित्रण किया करता था कि ऐसे ऐसे हो रहा होगा तू यह कहीं न कहीं क्या है बादलों के माध्यम से संदेश भेजता था मेघदूतम में इसका वर्णन था लिखना शुरु कर दिए कि पाश्चात्य वाले जो कर रहे हो बहुत बढ़िया और जो हमारा अपना स्वदेशी है झूमर अपना भारतीय तकनीकी हो सके तो जल्दी ऐसा भारत सरकार कर रही है वह बहुत कुछ करता है ताकि हम अपने आंगन को देखें जो बहुत ही समृद्ध है जो सोने की चिड़िया कहे जाने वाला गण है उसकी और झांकियां उसमें छिपे हुए जान को तलाशते तो निसंदेह यह भारत के लिए बहुत ही बढ़िया कदम उठा रही है
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देखिए मेरे हिसाब से ही जो एआईसीजीए ने यह जो निर्णय लिया है यह जो फैसला लिया है कि उन्होंने ऐसा कहा है कि इंजीनियरिंग के छात्र नई पाठकर्म के तहत वेद, पुराण और योग का अध्ययन करेंगे| यह मेरे हिसाब से यह फैसला बिल्कुल सही है क्योंकि जो हमारा भारत देश है वह उसके लिए वेद, पुराण और योग यह भारत देश के तीन स्तम्भ है| अपना भारत देश इन्हीं के बेसिसी पर चल रहा है| और इवन मोदी जी ने योग को पूरी दुनिया के सामने इतना ज्यादा आगे लाए हैं| उन्होंने 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित किया है| और जो वेद और पुराण जैसी चीजें हैं यह हर एक इंसान में आनी चाहिए पर लेकिन आजकल के युवकों में अगर हम देखें तो वेद, पुराण, योग ऐसे तीनों ही चीज़े नहीं है| अपना भारत वर्ष है, जो अपना भारत देश है, वह वेस्टर्न कल्चर की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहा है| नए युग के सामान जिमिंग पर जादा कंसन्ट्रेट कर रहे है, वेद और पुराण की जगह जो वेस्टर्न नॉलेज है उसकी तरफ ज्यादा अट्रैक्ट हो रहे हैं तो इसको कम करने के लिए और अपने भारत देश को आगे बढ़ता हुआ देखने के लिए यह एआईसीजीए ने यह जो निर्णय लिया है, मेरे हिसाब से बिल्कुल सही निर्णय लिया है|
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देखिये जैसे एआईसीटी ने कहा है कि इंजीनियरिंग के छात्र नए पाठ्यक्रम की तरह वेद पुराण योग के अध्ययन करेंगे| तो इसमें इंजीनियरिंग की आवश्यकता है| अगर देखा जाए तो योग से हमें काफी फायदे होते हैं, बीमारियों का हल निकलता है| ऐसी जो वेद है इनके अंदर साइंस मिली नहीं हुई है अभी तो भी ये जादा इम्पोर्टेन्ट और स्ट्रोंग विषय है कि इससे हम काफी कुछ सीखते है जैसे हमने देखा है कि जो भारत का पास्ट रहा है वह काफी ज्यादा मजबूत रहा है जो यह चीजें थी कि जो रथ है वह हवा में उड़ रहा है| और आज तक अगर देखा जाए तो हमने अब जाकर एरोप्लेन बनाए हैं| तो पास्ट हमारा यह सारी तकनीके जानता था तो अगर हम भारत के ही पास्ट में खुरेदना शुरू करेंगे तो मैं काफी ज्यादा साइंस मिल सकता है, जैसे एक तीर कमान से दस तीर कमान निकलना| इसका साइंस हम आज तक नहीं निकाल पाए| तो मुझे ऐसा लगता है कि अगर हम पुराना हिस्ट्री भी पड़ेंगे और उसमे अगर हम साइंस को मिला देंगे तो इस से अच्छी चीज़ और कोई हो ही नहीं सकती| तो जो इंजीनियरिंग स्टूडेंट है जब वे इन चीजों के बारे में पड़ेंगे वेद और योग अगर आप सोचें योग से कितनी बीमारियों का हल होता है अगर उसके साथ साइंस भी मिल जाए और हमें इस तरीके से उस योग से हम कुछ और बेटर चीज़ बना सके, तो इससे ज्यादा और क्या एक अच्छी चीज हो सकती है| तो मुझे ऐसा लगता है कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट यह पढा कर इससे साइंस को लिंक करना बहुत आवश्यक है | ताकि हो सकता है कि जो लोग योग नहीं कर सकते हम उनके लिए कोई मशीन बना सके, ताकी और यह एसी नई-नई चीजें भी लोगों के दिमाग में आ सकती है तो मेरे हिसाब से बहुत अच्छा स्टेप है|
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वेद, पुराण और योग हमारी भारतीय सभ्यता और संस्कृति के आधार स्तंभ है| योग को तो अभी प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व के सामने रखकर उस 21 जून को विश्व योग दिवस घोषित करवाया है| और वह वेद और पुराण को जानना मुझे लगता है आज की युवा पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है कि वह समझे कि हमारी भारतीय सभ्यता में वेद पुराण का क्या महत्व था? और योग किस तरह से काम करता था? मुझे लगता है कि आज की जो भाग दौड़ भरी जिंदगी है, जो अशांति है, लोगों में जो काम के प्रति उनका जुनून है, उसे नियंत्रित करने के लिए योग होना बहुत आवश्यक है| योग के बारे में समझना, जानना अति आवश्यक है, शायद इसीलिए इसे चालू करने की कोशिश की जा रही है| आज के बच्चों को, आज की पीढ़ी को यह जानना चाहिए कि योग से कितना कुछ आप कर सकते हैं| योग से आपको शक्ति मिलती है, आप को ऊर्जा मिलती है, अगर आप उसको रोज की दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं तो आप एक नई शक्ति से, नई उर्जा से भर जाते हैं| योग आपको शांति प्रदान करता है, योग आपको कार्य करने की ताकत देता है, योग आपके सोचने समझने की शक्ति को बढ़ा देता है, आपको शारीरिक रूप से भी वह समर्थ करता है| कई बीमारियों का योग से इलाज हो जाता है, इंसान को शांति मिलती है और मुझे लगता है, अपने वेद पुराणों से भी जो पुराना साहित्य है, जो पुरानी सभ्यता है, उसके बारे में आज की पीढ़ी को जानना चाहिए कि किस तरह से पुरानी सभ्यता में जीवन शैली होती थी और कैसे वह लोग शांति से जीवन व्यतीत करते थे? आज की इस भाग दौड़ की जिंदगी में योग का बहुत महत्व है, अगर योग को, यह योग की जीवन शैली को आधुनिक बच्चे अपना लेते हैं, तो उन्हें बहुत अच्छा लगेगा वह शांति महसूस करेंगे|
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